भूमि पूजन के लिए पीएम को भेजा निमंत्रण, दो जुलाई को भव्य मंदिर निर्माण का होगा भूमिपूजन

रामलला के भव्य मंदिर निर्माण का भूमि पूजन प्रधानमंत्री से कराने के लिए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र समेत मंदिर निर्माण समिति के प्रमुख नृपेंद्र मिश्र दिल्ली में जमे हैं।

संत धर्माचार्यों व ज्योतिषियों के मुताबिक दो जुलाई को आनंद योग में राम मंदि का भूमि पूजन सर्वसिद्धिदायक होगा। सूत्र बताते हैं कि चतुर्मास से पहले ही प्रधानमंत्री के अयोध्या आने की स्वीकृति मिलने की संभावना है।

रामजन्मभूमि परिसर में समतलीकरण का कार्य पूरा होने के बाद अब मंदिर के लिए भूमि पूजन का इंतजार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि भूमि पूजन के लिए दो जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या आ सकते हैं।

श्रीराजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर उन्हें इसके लिए आमंत्रण दिया है। दो जुलाई को चातुर्मास लग रहा है। इस दौरान चार माह तक कोई शुभ कार्य नहीं होगा। ऐसे में मुमकिन है कि देवताओं के शयन से ठीक पहले अयोध्या में भूमि पूजन हो जाए।

ज्योतिषाचार्य पंडित कौशल्यानंद वर्धन भी बताते हैं कि देवशयनी एकादशी 30 जून की शाम 6:45 बजे लगेगी जो एक जुलाई को पूरे दिन रहेगी। इसे विष्णु शयनोत्सव के रूप में मनाया जाता है जो तीन दिन का होता है।

इस उत्सव के क्रम में दो जुलाई को गुरू अनुराधा नक्षत्र का शुभ संयोग पड़ रहा है, इस दिन आनंद योग भी है, जो शुभ कार्यों के लिए सर्वसिद्घिप्रदायक है।

इस दिन मध्याह्न में वामन भगवान का पूजन करने से एक यज्ञ का फल प्राप्त होता है। ऐसे में इस दिन प्रधानमंत्री भूमि पूजन करते हैं तो यह शुभ फलदायी होगा। श्रीरामजन्मभूमि के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास कहते हैं कि यदि एकादशी पर प्रधानमंत्री भूमि पूजन करते है तो यह अत्यंत शुभ होगा।
पीएमओ से लगातार संपर्क में है ट्रस्ट
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के आला अधिकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पीएमओ के साथ लगातार संपर्क में हैं। प्रधानमंत्री को औपचारिक न्योता भेजा जा चुका है वह इसे स्वीकार भी कर चुके हैं। अगर यह मुहूर्त निकल गया तो फिर दीपावली के 11 दिन बाद ही अगला मुहूर्त आएगा।
उधर, संत भी प्रधानमंत्री को शिलान्यास के लिए आमंत्रण देने की तैयारी में हैं, इसके लिए उनसे मुलाकात का भी मन बना रहे हैं। ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि प्रधानमंत्री से भूमि पूजन के लिए शुभ तिथि पर अयोध्या आने का आग्रह किया जा रहा है। अभी कोई तिथि तय नहीं हो पाई है।

भूमि पूजन में आती रहीं अड़चनें
भूमि पूजन की तिथि पहले 30 अप्रैल को तय की गयी थी। लेकिन इसी बीच कोरोना महामारी ने दस्तक दे दी और ट्रस्ट ने भूमि पूजन कार्यक्रम स्थगित कर दिया। अब ट्रस्ट की तरफ से दो जुलाई की तारीख बताई गई है। हालांकि प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से तारीख को लेकर जवाब आना अभी बाकी है।

राममंदिर की पहली मंजिल का काम पूरा
दो मंजिल के प्रस्तावित राममंदिर की रूपरेखा पहले ही तैयार हो चुकी है। पहली मंजिल का काम तकरीबन पूरा बताया जा रहा है। 212 पिलरों पर बनने वाले राममंदिर के लिए 106 पिलर, छतें, नींव के पत्थर और उसके ऊपर लगने वाले पत्थर तैयार हैं। लगभग सवा लाख घनफुट पत्थरों की तराशी हो चुकी है। अभी 75 हजार स्कवायर घन फुट पत्थर तराशे जाने बाकी हैं। मंदिर 128 फीट ऊंचा और 140 फीट चौड़ा होगा जबकि मंदिर की लंबाई 268 फीट की होगी।

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