भारतीय सेना ने दिखाए तेवर, मारे 100 आतंकी और गिना एक, पाक के उड़े होश
नई दिल्ली। जम्मू और कश्मीर में सेना का तीन दिन चला एनकाउंटर का अभियान आखिरकार खत्म हो गया। लेकिन आतंकियों को मारने पर उनकी संख्या को लेकर पुलिस और आर्मी भ्रमित हो गई। दरअसल दोनों ही इस बात का सही खुलासा नहीं कर पा रहे हैं कि मरने वालों की सही मायने में संख्या कितनी है।
जम्मू कश्मीर पुलिस का कहना है कि अनंतनाग में तीन दिनों तक चला एनकाउंटर शुक्रवार (9 दिसंबर) को खत्म हो गया और उसमें लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकी मारे गए। हालांकि, आर्मी का दावा है कि दो नहीं तीन आतंकी मारे गए हैं।
दरअसल जानकारी थी कि आतंकी मुस्ताक अहमद गनी नाम के शख्स के घर में छिपे हुए हैं। प्रवक्ता ने कहा, ‘गनी लश्कर के लिए काम कर रहा था। उसने आतंकियों को छिपाया हुआ था और उनकी हरसंभव मदद कर रहा था।
जिसके बाद सेना ने घर की घेराबंदी कर ली। जैसे ही सुरक्षा बल के जवान अंदर गए आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जिसके जवाब में गोलियां चली और निर्दोश या कहें गद्दार की जान चली गई।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि ऑपरेशन बुधवार को पुलिस और सीआरपीएफ के आते ही शुरू कर दिया गया था। प्रवक्ता ने बताया कि दो आतंकियों की बॉडी और तीन ऐके-47 राइफल मिली हैं। दोनों की जांच के लिए डीएनए सेंपल भी लिए गए हैं। सीआरपीएफ नोर्थ जोन के स्पेशल डायरेक्टर जनरल एस श्रीवास्तव ने कहा कि संदिग्ध आतंकियों की पहचान माजिद जरगर और रुहिल अमीन डार के रूप में हुई है।
जिसमें से जरगर कुल 20 साल का था। उसके शव को कश्मीर के कुलगाम में दफन किया गया। इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के मुताबिक, वह कई साल से लश्कर कमांडर बनकर काम कर रहा था। उधमपुर हमले में भी उसका नाम आया था। उसपर नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी ने कैश प्राइज भी रखा हुआ था।