कांग्रेस नेता को शामिल करना पड़ा भाजपा को भारी, भिड़े दो केंद्रीय मंत्री

भाजपा नेताओं की कलहपणजी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गोवा इकाई में एक दागी कांग्रेस विधायक को शामिल करने से राज्य के बड़े भाजपा नेताओं की कलह सतह पर आ गई है। मामले को लेकर राज्य के दो बड़े नेता रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री श्रीपद नाईक के मतभेद सामने आ गए हैं।

भाजपा नेताओं की कलह

सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल होने के लिए कांग्रेस के विधायक पांडुरंग मडकाइकर ने कांग्रेस और विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है। उन्हें अभी इस्तीफा दिए एक हफ्ता भी नहीं हुआ। इसी बीच सोमवार को श्रीपद नाईक ने कहा कि उनसे इस बारे (मडकाइकर को भाजपा में शामिल करने) में सलाह नहीं ली गई और यह फैसला ‘गलत’ है।

नाईक ने संवाददाताओं से कहा, “उन्होंने मुझे यह फैसला लिए जाने के बाद इसकी सूचना दी। मैंने उनसे कहा कि यह एक गलत फैसला है।”

मडकाइकर बीते हफ्ते पर्रिकर, मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर और राज्य पार्टी अध्यक्ष विनय तेंदुलकर की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए।

पर्रिकर ने शनिवार को कहा था मडकाइकर को पार्टी में शामिल करने से पहले नाईक से सलाह-मशविरा किया गया था।

मडकाइकर दूसरे कांग्रेस नेता हैं जो बीते दस दिनों में भाजपा में शामिल हुए हैं।

पर्रिकर जब गोवा के मुख्यमंत्री थे, उस दौरान उन्होंने राज्य विधानसभा में एक बहस के दौरान कुम्भर्जुआ विधायक मडकाइकर पर एक भूमि घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया गया था।

मडकाइकर के भाजपा में 22 दिसम्बर को शामिल होने के बाद पर्रिकर ने कहा था कि घोटाले को लेकर जांच का आदेश दिया गया है। यदि विधायक मडकाइकर दोषी पाए गए तो कार्रवाई की जाएगी।

मडकाइकर के भाजपा में शामिल होने से गोवा भाजपा नेताओं के एक वर्ग में नाराजगी है। गोवा में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।

नाईक ने कहा कि वह पार्टी में असंतोष पर सार्वजनिक रूप से नहीं बोलना चाहते थे, लेकिन उन्हें मजबूरन बात करनी पड़ी। पर्रिकर ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा था कि मडकाइकर को पार्टी में शामिल करने को लेकर नाईक से सलाह ली गई थी।

नाईक ने कहा, “मैं पार्टी अनुशासन तोड़कर प्रेस में नहीं जाना चाहता था। परामर्श के मायने किसी फैसले से पहले राय लेना होता है। मुझसे बात करने से पहले ही यह फैसला पर्रिकर ने ले लिया था।”

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