पीएम मोदी के पास पहुंचा बेनामी संपत्तियों का चिट्ठा, अब होगा एक्शन

बेनामी संपतियों परनई दिल्ली। नोटबंदी के बाद अब प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने बेनामी संपतियों पर शिकंजा कसने का ऐलान कर दिया है। इसके अंतर्गत संदिग्ध प्रापर्टीज पर छापेमारी की जाएगी। दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आयकर विभाग के एक अधिकारी ने इस बात का खुलासा किया है। केंद्र सरकार इस साल पहली जुलाई से फाइल किए टैक्स रिटर्न और बैंक ट्रांजैक्शंस के डेटा के जरिए संदिग्ध रियल एस्टेट संपत्तियों की पड़ताल करेगी।

बेनामी संपतियों पर शिकंजा

टैक्स डिपार्टमेंट के अफसर ने कहा कि केंद्र सरकार संदिग्ध रियल एस्टेट संपत्तियों की जांच पर ध्यान देगी। नाम उजागर न करने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, ‘अगले साल यह हमारी प्राथमिकता में होगा।’

इसी साल एक नवंबर से लागू हुए ‘प्रोहिबिशन ऑफ बेनामी प्रॉपर्टीज ट्राजैक्शंस’ ऐक्ट के तहत बेनामी संपत्ति रखने वाले लोगों को 7 साल तक की कैद हो सकती है। इसके अलावा उनकी संपत्ति भी जब्त कर ली जाएगी।

हालांकि सरकार भी इस बारे में विचार कर रही है कि वह कैसे रियल एस्टेट के रेकॉर्ड्स को जुटाए और लैंड रजिस्ट्रीज की पड़ताल करे।

भारत में रियल एस्टेट मार्केट से करप्शन को दूर करने का टास्क मोदी सरकार के लिए खासा कठिन साबित हो सकता है।

इससे पहले नोटबंदी के बाद कैश की कमी के संकट के चलते सरकार पहले ही विरोधियों के निशाने पर है।

भारत में लैंड रेकॉर्ड्स में तमाम गड़बड़ियां दिखती हैं। विश्लेषकों का कहना है कि नेता, कारोबारी और विदेशों में रहने वाले भारतीय टैक्स अदा किए बिना प्रॉपर्टी में निवेश कर देते हैं।

अपने नाम पर संपत्ति खरीदने की बजाय ऐसे लोग रिश्तेदारों और भरोसेमंद एंप्लॉयीज के नाम पर संपत्ति की खरीदते हैं। इन प्रॉपर्टीज के बारे में कोई स्पष्ट डेटा उपलब्ध नहीं है।

ख़बरों के मुताबिक कई शहरों में रियल एस्टेट सेक्टर में पांच से दस फीसदी लोगों ने बेनामी संपतियों की खरीद में टैक्स चोरी की है।

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