बुरहान की मौत पर भड़की हिंसा, 15 की मौत, घाटी में कर्फ्यू

बुरहान वानीनई दिल्ली| जम्मू एवं कश्मीर में सुरक्षा बलों की गोली से हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद यहां जारी विरोध-प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षबलों की झड़प में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 96 सुरक्षाकर्मियों सहित 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इसके चलते जम्मू-कश्मीर में कर्फ्यू लगा दिया गया है|

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने युवकों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है, और शांति की अपील की है। महबूबा ने कहा, “मैं युवाओं के त्रासदीपूर्ण निधन पर गहरा दुख व्यक्त करती हूं और पीड़ित परिजनों के प्रति दुख की इस घड़ी में दिली संवेदना व्यक्त करती हूं।”

उन्होंने पुलिस और अर्धसैनिक बलों से कहा कि मूल्यवान जिंदगियों का नुकसान रोकने के लिए प्रदर्शनकारियों के साथ निपटते समय मानक संचालन प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। महबूबा ने शांति की अपील करते हुए लोगों से घाटी में सामान्य स्थिति बहाल करने में सहयोग का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, “हिंसा से सिर्फ लोगों को मुसीबत ही मिलती है और पीड़ित परिवारों को त्रासदी का सामना करना पड़ता है।” पूरे पुलवामा जिले में कर्फ्यू लगाने के बावजूद वानी के जनाजे में शामिल होने के लिए दक्षिणी कश्मीर के त्राल कस्बे में 20,000 से अधिक लोग उमड़ पड़े। वानी के जनाजे में शामिल युवाओं ने भावावेश में इस्लाम और आजादी के समर्थन में नारेबाजी की।

21 वर्षीय वानी चरमपंथ समर्थकों का चहेता था और सोशल मीडिया पर उसके हजारों की संख्या में अनुयायी थे। वानी को उसके दो सहयोगियों के साथ शुक्रवार को अनंतनाग जिले के बामडोरा (कोकरनाग) गांव में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मार गिराया गया था।

अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर में वानी की मौत के मद्देनजर किसी भी तरह की अफवाह की आशंका को देखते हुए पूरी घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। राज्य में अस्थिरता के माहौल को देखते हुए शनिवार को अमरनाथ यात्रा भी स्थगित कर दी गई।

प्रशासन ने किसी भी तरह का संघर्ष टालने के लिए अंतिम संस्कार स्थल के चारों ओर तैनात सभी सुरक्षाबलों को हटाकर अंतिम संस्कार की इजाजत दे दी थी, हालांकि शुक्रवार को शवों को दफनाने की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी थी।

प्रदर्शन के दौरान जिन लोगों की मौत हुई है, उनकी पहचान अनंतनाग के सिलीगाम के एजाज अहमद ठोकरू, अनंतनाग के यावर मंजूर कोंडरू, कुलगाम के खुर्शीद अहमद और कुलगाम के जुबैर अहमद, अनंतनाग के दुरू के आदिल बशीर, अनंतनाग के अरवामी गांव निवासी अब्दुल हामिद मोची, बिजबेहरा के शौकत अहमद और कोकरनाग के मोहम्मद आसिफ के रूप में की गई है।

जुबैर अहमद शुक्रवार को ही जख्मी हो गया था और शनिवार को उसकी मौत हुई। सुरक्षा बलों ने पुलिस थानों, चल सुरक्षा चौकियों, सुरक्षा पिकेट, गश्ती पुलिस दल और सुरक्षा बलों के वाहनों पर हमला करने वाली हिंसक हो गई भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोलियां चलाईं जिसमें सात प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई, जबकि कोंडरू की मौत झेलम नदी में गिरकर डूबने से हुई।

अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के अतिरिक्त महानिदेशक एस.एम. सहाय और कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक एस.जी.एम. गिलानी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सुरक्षाकर्मियों सहित करीब 95 लोग घायल हुए हैं।

उन्होंने बताया कि तीन पुलिसकर्मी अभी भी लापता हैं। अधिकारियों के अनुसार, हिंसक भीड़ ने दक्षिणी कश्मीर में एक पुलिस थाना भी फूंक दिया और राजमार्ग पर निजी और सरकारी वाहनों में भी तोड़-फोड़ की।

प्रशासन ने स्कूल से विश्वविद्यालय स्तर की सभी परीक्षाएं स्थगित कर दीं, जिसमें राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा (नेट) और राज्य सेवा आयोग का साक्षात्कार भी शामिल है। कश्मीर के बारामूला से जम्मू के बनिहाल के बीच रेल सेवा भी रोक दी गई है।

अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी, मध्यमार्गी मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक ने इससे पहले वानी की मौत के विरोध में एक दिन के बंद का आह्वान किया था। हालांकि शनिवार को घोषणा की कि बंद रविवार और सोमवार को भी जारी रहेगा।

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस बीच शनिवार को घाटी में आतंकवाद के बढ़ने की चिंता जाहिर की है। नेशनल कांफ्रेंस के नेता ने कई सारे ट्वीट किए, जिनमें उन्होंने कहा, “मेरी बात याद रखना.. कब्र से आतंकवादियों की भर्ती करने की बुरहान की क्षमता, सोशल मीडिया के जरिए उसके द्वारा की जा सकने वाली भर्ती को पछाड़ देगी।”

उन्होंने यह भी कहा कि वानी घाटी में असंतुष्ट समुदाय के लिए नया ‘आइकन’ बन गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री उमर ने अपने ट्वीट में कहा, “मेरे ऊपरी श्रीनगर मुहल्ले की मस्जिद से मैंने कई सालों बाद यह नारा सुना कि मुझे आजादी चाहिए। कश्मीर को कल नया असंतुष्ट आइकन मिल गया।”

 

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