बिलकिस बानो मामला: सुप्रीम कोर्ट ने आत्मसमर्पण के लिए समय बढ़ाने की मांग करने वाली दोषियों की अर्जी की खारिज, कहा ये

बिलकिस बानो मामला: सुप्रीम कोर्ट ने आत्मसमर्पण के लिए समय बढ़ाने की दोषियों की अर्जी खारिज करते हुए कहा कि आत्मसमर्पण को स्थगित करने और जेल वापस रिपोर्ट करने के लिए उनके द्वारा बताए गए कारणों में कोई दम नहीं है।

बिलकिस बानो मामला: सुप्रीम कोर्ट ने आज (19 जनवरी) गुजरात में 2002 के दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में 11 दोषियों की आत्मसमर्पण के लिए समय बढ़ाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। जस्टिस बीवी नागरत्ना और उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि दोषियों द्वारा बताए गए कारणों में कोई दम नहीं है। पीठ ने कहा “हमने आवेदकों के वरिष्ठ वकील और वकील तथा गैर-आवेदकों के वकील को भी सुना है। आत्मसमर्पण को स्थगित करने और जेल में वापस रिपोर्ट करने के लिए आवेदकों द्वारा उद्धृत किए गए कारणों में कोई योग्यता नहीं है क्योंकि वे कारण किसी भी तरह से उन्हें अनुपालन करने से नहीं रोकते हैं। हमारे निर्देशों के साथ। इसलिए विविध आवेदन खारिज किए जाते हैं।

शीर्ष अदालत ने 8 जनवरी को मामले में 11 दोषियों को सजा में छूट देने के गुजरात सरकार के फैसले को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि आदेश “रूढ़िवादी” थे और बिना दिमाग लगाए पारित किए गए थे। इसने दोषियों को 21 जनवरी (रविवार) तक जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करने को कहा था।

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