बालिका वधू बनने से बची दो जुड़वा बहनें, सूचना मिलते ही मौके पर पहुची चाइल्ड लाइन की टीम

दो जुड़वा बहनें बालिका वधू बनने से बच गई। रोंधी गांव में दोनों की शादी किए जाने की तैयारी थी, इससे पहले ग्रामीण की सूचना पर चाइल्ड लाइन की टीम वहां पहुंच गई। दोनों को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया। मजिस्ट्रेट डीएन शर्मा के सामने वे खुद को बालिग बताती रहीं। शुक्रवार को उनका मेडिकल कराया जाएगा। रोंधी गांव में रहने वाली दोनों जुड़वा बहनों का दो युवकों से प्रेम प्रसंग है।

फोन पर मिली बाल विवाह की सूचना

परिवार के लोगों को पता चला तो बेटियों की खुशी और आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्होंने शादी के लिए हामी भर दी। बरात का दिन शुक्रवार तय हुआ। इससे पहले गुरुवार को किसी ग्रामीण ने 112 नंबर पर कॉल कर बाल विवाह की जानकारी दी।

नबालिगाें ने खुद को बताया बालिग

सूचना पर सुभाषनगर थाने की पुलिस और चाइल्ड लाइन मौके पर पहुंची थी। चाइल्ड लाइन के डायरेक्टर अनीस ने बताया कि दोनों लड़कियों को बाल कल्याण समिति में पेश किया गया। बताया जाता है कि देखने में दोनों की उम्र 15-16 साल लग रही। जबकि वे खुद को बालिग बताती रहीं।

मेडिकल रिपोर्ट पर होगा फैसला

हालांकि इससे संबंधित प्रमाण, शैक्षिक कागज नहीं दिखाए। मेडिकल रिपोर्ट करेगी उम्र का राजफाश मजिस्ट्रेट डीएन शर्मा ने बताया कि गुरुवार को बातचीत के बाद दोनों को परिवार के सुपुर्द कर दिया है। शुक्रवार को मेडिकल रिपोर्ट के बाद निर्णय लेंगे।

शपथ पत्र पर परिजनों को सौपेंगे

यदि वे बालिग आती है तो उनको शपथपत्र देने के बाद परिवार के सुपुर्द दोबारा किया जाएगा। इसके बाद वह शादी कर सकेंगी। हालांकि प्रथम दृष्टया दोनों बहनें नाबालिग प्रतीत हो रही थी। मेडिकल में इसकी पुष्टि हुई तो परिवार के लोगों की काउंसिलिंग करेंगे ताकि शादी न करें। अन्यथा कार्रवाई होगी।

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