बलरामपुर अस्पताल में गंभीर मरीजों को रेफर करने का झंझट हुआ खत्म, 24 घंटे ICU में इलाज की होगी सुविधा

बलरामपुर अस्पताल में गंभीर मरीजों को रेफर करने का झंझट खत्म होगा। यहां 24 घंटे आइसीयू में इलाज की सुविधा होगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने जहां वेंटिलेटर मुहैया करा दिए गए हैं। वहीं अब नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) ने डॉक्टरों की तैनाती को भी मंजूरी दे दी है।

बलरामपुर अस्पताल में करीब 20 विभाग हैं। इमरजेंसी समेत विभिन्न वाडों में 756 बेड हैं। यहां ओपीडी में हर रोज चार हजार के करीब मरीज दिखा रहे हैं। वहीं, सवा सौ के करीब गंभीर मरीज इमरजेंसी में आ रहे हैं। आइसीयू में वेंटिलेटर की सुविधा नहीं मिल पा रही है। ऐसे में गंभीर मरीज दूसरे अस्पतालों में चक्कर काटने को मजबूर हैं। निदेशक डॉ. राजीव लोचन के मुताबिक,  शीघ्र ही गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर पर इलाज मिलने लगेगा। इसके लिए तीन फिजीशियन व चार एनेस्थीसिया के डॉक्टरों की मंजूरी मिल गई है। वहीं, अस्पताल में पहले से सात फिजीशियन व 10 एनेस्थे टिस्ट मौजूद हैं।

28 बेड के आइसीयू, पीएम केयर्स से मिले वेंटिलेटर

डॉ. राजीव लोचन के मुताबिक, अस्पताल में 28 बेड का आइसीयू है। इसमें चार वेंटिलेटर पहले से थे। मगर एक्सपर्ट की तैनाती नहीं थी। ऐसे में वेंटिलेटर का संचालन बाधित था। वहीं, कोरोना काल में दो वेंटिलेटर जन प्रतिनिधि के सहयोग से व छह वेंटिलेटर पीएम केयर्स फंड से मुहैया कराए गए हैं। ऐसे में आइसीयू में 12 बेडों पर वेंटिलेटर की सुविधा होगी। साथ ही अन्य सभी बेडों पर भी ऑक्सीजन सपोर्ट रहेगा। दिसंबर में वेंटिलेटर संचालन की उम्मीद है।

पल्मोनरी क्रिटिकल केयर से करार

निदेशक डॉ. राजीव लोचन के मुताबिक केजीएमयू के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग से करार किया गया है। यहां के विभागाध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश अस्पताल के डॉक्टरों व स्टाफ को क्रिटिकल केयर, वेंटिलेटर के संचालन की ट्रेनिंग मुहैया कराएंगे। हाल में ही दो डॉक्टर व दस स्टाफ नर्स विभाग से प्रशिक्षण लेकर लौटी हैं। वहीं अब दूसरी टीम भी ट्रनिंग के लिए भेजी जाएगी।

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