दवा व्यवसाइयों में आक्रोश, 30 को देशभर में बंद रहेंगे मेडिकल स्टोर

केमिस्टनई दिल्ली। ऑनलाइन फार्मेसी कानून को लेकर दवा व्यवसाइयों में आक्रोश है। ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट (एआइओसीडी) के साथ लखनऊ केमिस्ट एसोसिएशन ने भी आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। शुक्रवार को पदाधिकारी विरोध की रणनीति का एलान करेंगे। लखनऊ केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष गिरिराज रस्तोगी ने बताया कि देशभर में दवा की आठ लाख दुकानें हैं। इसमें साढ़े तीन लाख थोक व साढ़े पांच लाख खुदरा की दुकानें हैं। वहीं उप्र में एक लाख 12 हजार कुल दुकानें हैं। इसमें 40 हजार थोक व 72 हजार खुदरा की हैं, जबकि लखनऊ में 1800 थोक व 2400 खुदरा दवा की दुकानें हैं। उन्होंने बताया कि ये सभी दुकानें 30 मई को पूरी तरह बंद रहेंगी।

प्रभावित होगा 230 करोड़ का कारोबार : गिरिराज रस्तोगी ने बताया कि देश में दवा का कारोबार 86 हजार करोड़ रुपये सालाना का है। एक दिन दुकानें बंद होने से जहां देश में 230 करोड़ रुपये का, वहीं अकेले उत्तर प्रदेश में 90 करोड़ व लखनऊ में 35 करोड़ रुपये का दवा कारोबार प्रभावित होगा।

कारोबार के लिए घातक है कानून1एसोसिएशन के उपाध्यक्ष विकास रस्तोगी ने कहा कि सरकार की नीति से दवा विक्रेताओं का व्यापार चौपट हो जाएगा। पोर्टल पर पंजीकरण, फार्मासिस्टों की अनिवार्यता व ऑनलाइन दवा ब्रिकी कारोबार के लिए बनाए जा रहे कानून घातक साबित होंगे। आठ लाख दवा व्यवसायी व 40 लाख कर्मचारियों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।

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