बंगाल हिंसा : मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं के अंतिम संस्कार में बवाल, BJP कल मनाएगी काला दिवस !

पश्चिम बंगाल में राजनीतिक पारा हर बीतते दिन के साथ बढ़ता ही जा रहा है. रविवार को बीजेपी कार्यकर्ता और स्थानीय पुलिस के बीच झड़प की खबर है. यह झड़प बीजेपी कार्यकर्ताओं के शव के अंतिम संस्कार को लेकर हुई.

मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी कार्यकर्ता अपने साथी कार्यकर्ताओं के शव का अंतिम संस्कार कोलकाता ले जाकर करना चाहते थे. लेकिन पुलिस ने उन्हें कोलकाता पहुंचने से पहले ही बीच रास्ते में ही रोक लिया.

इसी बात पर बीजेपी कार्यकर्ता पुलिस से भिड़ गए. इसके बाद कार्यकर्ताओं ने कहा कि वह अगर उन्हें आगे नहीं जाने दिया गया तो वह शवों का अंतिम संस्कार हाई वे पर ही करेंगे.

पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच के झड़प की वजह से हाई-वे पर जाम लग गया. इस घटना के सामने आने के बाद राज्य बीजेपी ने 10 जून को काले दिन के रूप में मनाने का फैसला किया है. साथ ही लालबाजार में 12 जून को एक रैली करने का भी ऐलान किया है.

गौरतलब है कि शनिवार को पश्चिम बंगाल के 24 उत्तर परगना में टीएमसी-बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच आपसी झड़प में 3 लोगों की मौत हो गई थी.

मामले की जांच कर रही पुलिस के अनुसार यह पूरा मामला पार्टी के झंडे को उतारने से शुरू हुआ था. इस झड़प के दौरान टीएमसी के एक कार्यकर्ता कायुम मोल्लह की हत्या की बात सामने आ थी.

वहीं बीजेपी का कहना था कि टीएमसी के गुंडों ने उनके 2 कार्यकर्ताओं को गोली मारी दी है. जिसमें उनकी मौत हो गई.  हालांकि बीजेपी के नेता मुकुल रॉय ने इस घटना के सामने के बाद एक ट्वीट किया था.

उन्होंने लिखा था कि बीजेपी के तीन कार्यकर्ताओं को टीएमसी के गुंडों ने संदेशखाली इलाके में गोली मार दी है. बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ हो रही इस तरह की वारदात के लिए ममता बनर्जी खुद जिम्मेदार हैं.

हम इस पूरे मामले की शिकायत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी से करेंगे.वहीं पश्चिम बंगाल बीजेपी के प्रमुख विजयवर्गीय ने भी इस झड़प और बीजेपी के कार्यकर्ताओं की हत्या पर दुख जताया था.

उन्होंने ट्वीट किया था कि अभी अभी मिली दुःखद ख़बर के अनुसार पश्चिम बंगाल के बशीरहाट लोकसभा के क्षेत्र संदेशखली में भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं की तृणमूल के गुंडों ने हत्या कर दी.

ध्यान हो कि टीएमसी-बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच आपसी झड़प की यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले कोलकाता में अमित शाह के रोड शो के दौरान भाजपा और तृणमूल कांग्रेस समर्थकों के बीच हिंसक झड़पें हुई थी.

हालांकि उस दौरान शाह को किसी तरह की चोट नहीं आई थी और पुलिस उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले गई. हिंसा तब भड़क उठी जब विद्यासागर कॉलेज के भीतर से टीएमसी के कथित समर्थकों ने उनके काफिले पर पथराव किया, जिससे दोनों पार्टियों के समर्थकों के बीच झड़पें हुई थी.

 

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गुस्साए बीजेपी समर्थकों ने भी उसी तरह प्रतिक्रिया दी और कॉलेज के प्रवेशद्वार के बाहर टीएमसी प्रतिद्वंद्वियों के साथ मारपीट करते नजर आए. इस घटना के बाद ममता बनर्जी और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गया था.

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि टीएमसी के गुंडों ने मुझपर हमला करने की कोशिश की. ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री) ने हिंसा भड़काने का प्रयास किया, लेकिन मैं सुरक्षित हूं.’ शाह ने कहा था कि झड़प के दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही.

उन्होंने कहा था कि पुलिस ने उन्हें बताया था कि रोडशो की इजाजत कॉलेज के पास समाप्त होती है और उन्हें स्वामी विवेकानंद के बिधान सारणी के पैतृक आवास पर ले जाया जाएगा.

शाह ने दावा किया था कि वे (पुलिस) नियोजित मार्ग से हट गए और उस रास्ते पर ले गए जहां ट्रैफिक जाम था. मुझे श्रद्धांजलि देने के लिए विवेकानंद के आवास पर नहीं जाने दिया गया और मैं इससे दुखी हूं.

उधर, ममता बनर्जी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शाह को ‘गुंडा’ बताया था. उन्होंने शहर के बेहाला की रैली में कहा था कि अगर आप विद्यासागर तक हाथ ले जाते हैं तो मैं आपको गुंडे के अलावा क्या कहूंगी.

उन्होंने कहा था कि मुझे आपकी विचारधारा से घृणा है, मुझे आपके तरीकों से नफरत है.’ साथ ही उन्होंने विद्यासागर की आवक्ष प्रतिमा तोड़े जाने के खिलाफ गुरुवार को एक विरोध रैली की घोषणा की. ममता ने कहा था कि क्या अमित शाह भगवान से ऊपर हैं कि उनके खिलाफ कोई प्रदर्शन नहीं कर सकता.

इस बीच बीजेपी ने को चुनाव आयोग से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य में चुनाव-प्रचार से रोकने का अनुरोध किया और आरोप लगाया था कि वहां ‘संवैधानिक तंत्र’ ध्वस्त हो गया है.

कोलकाता में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान हिंसा और आगजनी की घटना के बाद केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और मुख्तार अब्बास नकवी सहित पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग पहुंचा था और राज्य में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की.

नकवी ने ममता बनर्जी पर कथित तौर पर भाजपा को निशाना बनाने के लिए हिंसा में ‘सहभागी’ होने का आरोप लगाया और दावा किया था कि उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के अपने कार्यकर्ताओं को भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला करने के लिए ‘उकसाया’.

इससे पहले यह तनाव तब बढ़ गया था जब अमित शाह के काफिले के कॉलेज स्ट्रीट और स्वामी विवेकानंद के निवास के लिए उत्तरी कोलकाता में बिधान सारणी से गुजरते वक्त पथराव किया गया.

अधिकारियों ने बताया कि कॉलेज स्ट्रीट पर कलकत्ता विश्वविद्यालय परिसर के बाहर झड़प तब शुरू हो गई जब एक समूह ने शाह के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी.

 

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