आतंकवाद से निपटने के लिए फेक करेंसी से निपटना होगा : योगी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत आतंकवाद से प्रभावित है और विगत अनेक वर्षो से इससे जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए फेक करेंसी की समस्या से भी निपटना होगा।
मुख्यमंत्री रविवार को गोमतीनगर एक्सटेंशन में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) लखनऊ के कार्यालय एवं आवासीय परिसर के उद्घाटन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, “एनआईए ने प्रभावी ढंग से काम करते हुए आतंकवाद से संबंधित मामलों को त्वरित गति से हल करने में सफलता पाई है। आतंकवाद से निपटने के लिए फेक करेंसी की समस्या से भी निपटना होगा, क्योंकि यह आतंकवाद को बढ़ावा देने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को कमजोर भी करती है।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “आज आतंकवाद पूरे विश्व के लिए एक चुनौती बना हुआ है। भारत के कई पड़ोसी देशों ने आतंकवाद को बढ़ावा देते हुए इसे अपनी विदेश नीति का हिस्सा बना लिया है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारा देश इस चुनौती का डट कर सामना कर रहा है और आतंकवादियों के खिलाफ लगातार प्रभावी कार्रवाई कर रहा है, जिसका परिणाम है कि जम्मू एवं कश्मीर में बड़ी संख्या में आतंकवादियों को समाप्त किया गया है।”
योगी ने कहा, “आतंकवाद किसी भी सभ्य समाज के लिए एक अभिशाप है और आधुनिक विकास की सबसे बड़ी बाधा है। भारत आतंकवाद के विरुद्ध की गई सभी अंतर्राष्ट्रीय पहल का समर्थक रहा है। भारत ने देश की सुरक्षा और सम्प्रभुता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए समय-समय पर अनेक कठिनाइयों का सामना करते हुए इसमें सफलता हासिल की है।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “आतंकवाद और जाली करेंसी, एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। टेरर फंडिंग में फेक करेंसी की बहुत बड़ी भूमिका है। ऐसे में आतंकवाद से निपटने के लिए फेक करेंसी की समस्या से भी निपटना होगा, क्योंकि यह आतंकवाद को बढ़ावा देने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को कमजोर भी करती है। एनआईए फेक करेंसी से जुड़े मामलों से प्रभावी ढंग से निपट रही है। लखनऊ में इस जांच एजेंसी का अपना कार्यालय एवं आवासीय परिसर स्थापित हो जाने के बाद अब इसकी कार्य-कुशलता और बढ़ेगी।”
योगी ने कहा, “आतंकवाद से निपटने में तकनीक का प्रयोग बहुत कारगर साबित हो रहा है। ऐसे में एनआईए सहित सभी केंद्रीय अथवा राज्य की इंटेलीजेंस और सुरक्षा एजेंसियों का लगातार तकनीकी उन्नयन आवश्यक है। राज्य सरकार अपनी एजेंसियों के परिप्रेक्ष्य में इस बिंदु पर ध्यान दे रही है। प्रदेश सरकार द्वारा एटीएस को मजबूत बनाने का भी काम किया जा रहा है।”
उन्होंने कहा कि राज्य की इंटेलीजेंस और सुरक्षा एजेंसियों तथा एनआईए के बीच बेहतर तालमेल बहुत जरूरी है। इससे आतंकवाद, नक्सलवाद इत्यादि जैसी समस्याओं से निपटने में काफी मदद मिलेगी।
उन्होंने एनआईए और राज्य सरकार की इंटेलीजेंस और सुरक्षा एजेंसियों के बीच हर छह माह पर एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित करने का सुझाव दिया ताकि इसमें एनआईए और राज्य इन्टेलीजेंस एवं सुरक्षा एजेंसियां सूचनाएं साझा कर सकें।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मौजूद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह तथा एनआईए के अधिकारियों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार इस एजेंसी के साथ अच्छा तालमेल बनाकर आतंकवाद की समस्या से निपटने की दिशा में संयुक्त रूप से कार्य करेगी। राज्य सरकार एनआईए को हर संभव सहयोग करेगी।
कार्यक्रम के दौरान राज्य सरकार के ग्राम्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेंद्र सिंह, एनआईए के महानिदेशक शरद कुमार, प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार, डीजीपी सुलखान सिंह मौजूद थे।