चीन और पाकिस्तान को सबक सिखाने आया तेजस
बेंगलूरु: इंडियन एयरफ़ोर्स की ताकत आज और भी बढ़ गयी। हिंदुस्तान में बनकर तैयार हुआ पहला फाइटर प्लेन तेजस एयरफ़ोर्स में शामिल कर लिया गया है। यह विमान दुनिया के सबसे बेहतरीन फाइटर प्लेन को टक्कर देने का माद्दा रखता है।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने दो फाइटर प्लेन तेजस विमान भारतीय वायुसेना को शुक्रवार को सौंप दिए। यह विमान देश में बना सबसे हल्का और छोटा लड़ाकू विमान है। इन दो विमानों बेड़े का नाम ‘फ्लाइंग डैगर्स 45’ है। ये विमान 1350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार उड़ान भरेंगे।
इंडियन एयरफ़ोर्स में आधिकारिक रूप से शामिल होने से पहले पूजा-पाठ की गई। इसके बाद के बाद तेजस ने छोटी उड़ान भी भरी। हालाँकि पहले दो साल यह स्क्वाड्रन बेंगलुरु में ही रहेगा। तेजस की तुलना फ्रांस की बनी ‘मिराज 2000’, अमेरिका की एफ-16 और स्वीडन की ग्रिपेन से की जा रही है।
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फाइटर प्लेन तेजस लेगा मिग-21 के बेड़ों का स्थान
फाइटर प्लेन तेजस वायुसेना के बेड़े में रूस निर्मित मिग-21 विमानों की जगह लेगा। मिग-21 विमान काफी पुराने हो चुके हैं। इसके पुर्जे नहीं मिल पाते इस कारण इनके रख-रखाव में भी समस्या आ रही है।
वायुसेना में अभी करीब 250 मिग श्रेणी के विमान हैं जिन्हें अगले 10 सालों में हटाया जाना है। बीते महीने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा था कि अगले साल मिग-21 के दो स्क्वाड्रन सेवा से बाहर होंगे और उनकी जगह तेजस लेगा। उन्होंने कहा था कि मिग विमानों की तुलना में स्वदेशी तेजस अच्छा है।
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तेजस का तेज ऐसा है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन इसका सामना नहीं कर सकते। जानें भारत की शान बढ़ाने वाले फाइटर प्लेन तेजस की खूबियों के बारे में-
- एक तेजस को बनाने में लगभग 300 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। हालांकि इंजन अमेरिका और रडार इजरायली है।
- इसका ढांचा कार्बन फाइबर से तैयार हुआ है, यह रडार को भी धोखा दे सकता है।
- तेजस का वजन 12 टन है और इसकी लंबाई 13.2 मीटर है।
- इसके पंखे 8.2 मीटर चौड़े हैं।
- इस विमान की ऊंचाई 4.4 मीटर है और रफ्तार 1350 किमी प्रति घंटा है।
- तेजस की ईंधन क्षमता 2500 लीटर है जबकि पाक के विमान थंडर की 2300 लीटर।
- यह विमान 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है।
- आर 73 एयर टू एयर मिसाइल, लेजर गाइडेड मिसाइल और मेक इन इंडिया अस्त्र मिसाइल इसकी ताकत है।
- तेजस मल्टी रोल विमान है और इसकी तकनीक किसी वीडियो गेम की तरह है, जिससे इसको उड़ाना आसान है।
- यह चीन और पाकिस्तान की ओर से मिलकर बनाए गए जेएफ 17 थंडर पर भारी है।
- इसमें हवा में ही ईंधन भरा जा सकेगा जबकि पाक के थंडर में ऐसा नहीं है।
- यह कई मामलों में फ्रांस में बने मिराज 2000 जैसा है।
- तेजस रनवे में सिर्फ 460 मीटर दौड़कर हवा में आ जाता है जबकि थंडर को हवा में उठने के लिए 600 मीटर दौड़ना जरूरी है।
- थंडर पारंपरिक स्टील और एल्यूमीनियम से बना है और इसकी कीमत करीब 180 करोड़ रुपये है।