पेट्रोल पंप पर ऐसे होती है चोरी, इन बातों का ध्यान रखकर खुद को बचाएं

लखनऊ| राजधानी के पेट्रोल पंपों पर चोरी कर आपकी गाढ़ी कमाई लूटी जा रही थी। एक लीटर तेल में अपने ढाई रुपये कमीशन के लिए हड़ताल तक करने वाले पंप संचालक ग्राहकों को करोड़ों का चूना लगा रहे थे। ग्राहक को एक लीटर पेट्रोल की रकम अदा करने पर करीब 900 मिलीलीटर तेल ही मिल रहा था।

मशीन में इलेक्ट्रॉनिक चिप व रिमोट सेंसर के जरिए यह गोरखधंधा कुछ इस तरह हो रहा था कि ग्राहक को इसकी कोई भनक नहीं लगती थी। गुरुवार रात एसटीएफ व प्रशासन की संयुक्त टीम की छापेमारी में इस बड़े गोरखधंधे का राजफाश हुआ।

एसटीएफ ने सात पेट्रोल पंपों पर इलेक्ट्रॉनिक चिप के जरिए पेट्रोल चोरी का खेल पकड़ा। सबसे अहम यह है कि इनमें यूपी पेट्रोल पंप एसोसिशन के अध्यक्ष बीएन शुक्ला का पेट्रोल पम्प (स्टैंडर्ड फ्यूल स्टेशन) भी शामिल है।

एसएसपी एसटीएफ अमित पाठक के मुताबिक चिप लगाने के आरोप में पकड़े गए इलेक्ट्रीशियन राजेंद्र ने राजधानी के अलावा अन्य जिलों के सैकड़ों पेट्रोल पंप में भी यह गड़बड़ी करने की बात स्वीकार की है। उसके अन्य साथी भी इस गोरखधंधे में शामिल हैं।

पेट्रोल पंपों में नोजल के नीचे चिप लगाई जाती थी, जिसका एक सर्किट मशीन में लगा होता था। चिप रिमोट के जरिए संचालित होती थी। सभी सात पेट्रोल पंपों में बिक्री रोकने के साथ ही स्टॉक का मिलान किया जा रहा है। कर्मचारियों से भी गहनता से पूछताछ हो रही है। आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

इन पंपों पर पकड़ी गई चोरी

लालता प्रसाद फिलिंग स्टेशन मेडिकल कॉलेज (भारत पेट्रोलियम)

लालता प्रसाद फिलिंग स्टेशन डालीगंज (भारत पेट्रोलियम)

स्टैंडर्ड फ्यूल स्टेशन, मड़ियांव (इंडियन ऑयल)

मान फिलिंग स्टेशन, गल्लामंडी (भारत पेट्रोलियम)

साकेत फिलिंग स्टेशन, चिनहट (इंडियन ऑयल)

शिवनारायण फिलिंग स्टेशन, कैंट (भारत पेट्रोलियम)

ब्रिज ऑटो केयर, निकट फन मॉल (भारत पेट्रोलियम)

बाथरूम में मिली तेल चोरी की डिवाइस

एसएसपी एसटीएफ के मुताबिक डालीगंज स्थित पेट्रोल पम्प में पूछताछ में सामने आया कि वहां हर माह करीब छह लाख रुपये की धांधली की जा रही थी। सभी पेट्रोल पम्पों में की जा रही धांधली की विस्तार से जांच की जा रही है। माना जा रहा है कि एक साल प्रत्येक पेट्रोल पंप पर 50 लाख रुपये तक की चोरी हो रही थी। एक जगह तो बाथरूम में डिवाइस छिपाई गई थी।

एसटीएफ और प्रशासन की छापेमारी अचानक हुई जिसके चलते गोरखधंधा करने वालों को बचने का मौका नहीं मिला। चौक स्थित भारत पेट्रोलियम के लालता प्रसाद पेट्रोल पंप पर जांच टीम ने अपर नगर मजिस्ट्रेट आयुष चौधरी की अगुवाई में एसटीएफ के इंस्पेक्टर एनआर दोहरे और क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी हेमंत सिंह के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर घटतौली पकड़ी। छापेमारी के दौरान पम्प के सेल्समैन के कैश वाले बैग में रिमोट सेंसर मिले। पंप पर सभी छह नोजल के छह रिमोट सेंसर सेल्समैन के पास से बरामद हुए। इन्हें कंट्रोल करने के लिए पम्प के बाथरूम में डिजिटल डिवाइस लगी मिली, जो वायरिंग के माध्यम से नोजल के नीचे से जुड़ी हुई थीं। सेल्स मैन कैश रखते समय धीरे रिमोट दबाकर घटतौली को अंजाम देते थे। अधिकांश पेट्रोल पंपों पर यही हाल देखने को मिला।

एक लीटर में 100 एमएल का लगा रहे थे चूना

बांट माप विभाग के निरीक्षक ऋषिराज मिश्र ने पेट्रोल वाले नोजल की घटतौली की सच्चाई परखी तो सभी हैरत में पड़ गए। निरीक्षक ने नोजल से पांच लीटर के मापन यंत्र में तेल भरना शुरू किया। पम्प का मीटर तो पांच लीटर तेल डालने के बाद बंद हो गया, लेकिन मापन यंत्र खाली रहा। फिर उसे फुल किया तो आधा लीटर तेल और उसमें और आ गया। इसी प्रकार प्लास्टिक की एक लीटर की बोतल में एक लीटर तेल तेल में 100 एमएल तेल कम निकला। जांच के समय एडीएम आपूर्ति डॉ. अल्का वर्मा, जिला पूर्ति अधिकारी संतोष विक्रम शाही भी पहुंचे और घटतौली के पकड़े गए रिमोट सेंसर व बाथरूम में छिपाकर रखी डिजिटल कंट्रोल डिवाइस देखी। अधिकारियों ने जांच टीम को पूरी तरह से मिलान व जांच करके पंप को सील कराने के निर्देश दिए। अधिकारी देररात तक पम्प पर जांच करने की कार्रवाई करते रहे।

राजधानी में लंबे समय से पेट्रोल पंपों पर घटतौली और मिलावट का गोरखधंधा चल रहा था। चूंकि अधिकतर पेट्रोल पंप बड़े व्यापारियों और रसूखदारों के हैं लिहाजा प्रशासनिक अधिकारी हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं। जांच के नाम पर महज खानापूर्ति होती रही है और मिलावट का गोरखधंधा चलता रहता है।

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