रियो में अब हॉकी ने किया निराश

पुरुष हॉकी टीमरियो डी जेनेरियो| भारतीय पुरुष हॉकी टीम को रियो ओलम्पिक में गुरुवार को अपने चौथे पूल मैच में नीदरलैंड्स के हाथों 1-2 से हार झेलनी पड़ी। इसके साथ ही भारत के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने की राह कठिन हो गई है। पूल-बी के इस मैच में दोनों टीमों के बीच कड़ी टक्कर देखी गई, लेकिन अंतिम क्वार्टर में किए गए गोल की बदौलत नीदरलैंड्स ने मैच पर कब्जा जमाया।

पुरुष हॉकी टीम

पुरुष हॉकी टीम के मैच का पहला गोल नीदरलैंड्स ने 32वें मिनट में किया। नीदरलैंड्स ने अपना दूसरा गोल 54वें मिनट में दागा, जबकि भारत ने अपना एकमात्र गोल 38वें मिनट में किया।

इस हार के बाद भी भारतीय टीम पूल-बी की अंकतालिका में छह अंकों के साथ तीसरे स्थान पर बनी हुई है। वहीं, नीदरलैंड्स ने 10 अंकों के साथ शीर्ष स्थान हासिल कर लिया है। मौजूदा विजेता जर्मनी तीन जीत के साथ अंकतालिका में दूसरे स्थान पर है।

नीदरलैंड्स और जर्मनी ने अपने शानदार खेल की बदौलत क्वार्टर फाइनल में जगह पक्की कर ली है।

भारतीय पुरुष हॉकी टीम अपने अंतिम पूल मैच में कनाडा के खिलाफ शुक्रवार को उतरेगी, जहां ड्रॉ भी उसे क्वार्टर फाइनल में पहुंचा सकता है।

दोनों टीमों ने मैच में अच्छी शुरुआत की और अपनी विपक्षी टीम के गलती करने का इंतजार किया। नीदरलैंड्स ने शुरुआत में अधिकांश समय गेंद पर कब्जा जमाए रखा, लेकिन भारत ने वापसी की।

पहले क्वार्टर में नीदरलैंड्स के बिली बाक्केर ने भारतीय घेरे में आक्रमण किया लेकिन उनकी टीम का कोई भी खिलाड़ी वहां उनका साथ देने मौजूद नहीं था और भारतीय गोलकीपर पी. आर. श्रीजेश ने उन्हें गोल नहीं करने दिया।

इसके बाद कई मौकों पर नीदरलैंड्स ने गोल करने की कोशिश की लेकिन श्रीजेश ने उनके मंसूबे कामयाब नहीं होने दिए।

भारत ने भी आक्रमण करने की कोशिश की और एस. वी. सुनील ने एस. के. उथप्पा के साथ एक मौका बनाया लेकिन मिंक वान उनकी राह में रोड़ा बने।

इसी बीच भारत के ड्रैग फ्लिकर विशेषज्ञ वी. आर. राघुनाथ और सुनील को 10 और पांच मिनट के लिए मैदान से बाहर भी जाना पड़ा।

दोनों की गैर मौजूगदी का नीदरलैंड्स ने फायदा उठाना चाहा लेकिन भारत ने उसे कामयाब नहीं होने दिया।

तमाम कोशिशों के बाद भी दूसरे क्वार्टर की समाप्ति तक दोनों टीमें गोल करने से महरूम रहीं।

तीसरे क्वार्टर में नीदरलैंड्स के लिए रोजर होफमैन ने पेनाल्टी कॉर्नर से पहला गोल दागा। एक गोल से पीछे चल रही भारतीय टीम ने 38वें मिनट में वापसी की। भारत को पेनाल्टी कॉर्नर मिला और रघुनाथ ने उसे गोल में बदल कर भारत को बराबरी पर ला दिया।

अंतिम क्वार्टर में नीदरलैंड्स ने भारत पर आक्रमण तेज किया और पांच पेनाल्टी कॉर्नर हासिल किए। 54वें मिनट में मिले पेनाल्टी कॉर्नर को मिंक वान डार विरडान ने गोल में बदलते हुए अपनी टीम को निर्णायक बढ़त दिला दी।

आखिरी के मिनटों में भारतीय टीम ने आक्रमण तेज करने के लिए श्रीजेश को हटा दिया और उनका यह प्रयोग कुछ हद तक सफल भी रहा। आखिरी के छह सेकेंड में मैच नाटकीय मोड़ पर पहुंच गया। भारत को इन छह सेकेंड में पांच पेनाल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन भारतीय टीम इनमें से एक भी मौका नहीं भुना पाई।

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