मथुरा के आधा दर्जन गांवों में पानी ने घर-घर बना दिए दिव्यांग

पानी से दिव्यांगलखनऊ। मथुरा के छाता तहसील के आधा दर्जन गांवों में पानी लोगों को बीमार कर रहा है। आजादी के पहले से पीने की पानी की समस्या से जूझ रहे लोग अब इस पानी से दिव्यांग हो रहे हैं। हड्डियां कमजोर पड़ रही हैं, दांत पीले हो गए हैं।

डाक्टर अक्सर कहते हैं स्वस्थ्य रहने को आठ-दस गिलास पानी रोज पीएं। मगर यहां तो पानी पीना बीमारी को बुलावा साबित हो रहा है। गांव अकबरपुर में पानी ने एक पीढ़ी को ही दिव्यांग बना दिया है। हर उम्र इस बीमारी की चपेट में है। इनकी दर्द भरी कहानी किसी को भी झकझोर देगी। चौमुहां, अकबरपुर, तरौली, विलौठी, सिहाना, कौकेरा, आझई गांव में लंबे समय से खारे पानी की समस्या है। इस इलाके के पानी का टीडीएस 400 से अधिक है। यहां के पानी पर एक अध्ययन करने वाले धर्मेंद्र इंटरप्राइजेज के ध्रुव सिंह और वाटर टे¨स्टग एक्सपर्ट दीपक राना बताते हैं कि 400 से अधिक टीडीएस पर आर्सेनिक, फलोराइड और लैड बढ़ जाता है। इससे दांत खराब होने लगते हैं, जोड़ों में दर्द, स्किन में खुजली, बालों का झड़ना, लीवर व किडनी भी प्रभावित होती है।

अकबरपुर में लोगों के साथ यही हो रहा है। गांव के ओमप्रकाश(30) पुत्र सुल्तान का जन्म से दायां पैर कमजोर है। कृष्ण(25) पुत्र किशन सिंह के पैर बचपन से कमजोर थे। अब बीमारी बढ़ गई है, दोनों हाथों की हड्डी ऐंठ गई है। वह न तो खड़ा हो सकता है और न ही बैठकर घिसट सकता है। 25 वर्षीय दिगंबर पुत्र मोहन का दायां पैर बिलकुल कमजोर है। इनकी बीमारी भी जन्म से है। सचिन पुत्र रनवीर 12 साल के हैं लेकिन जन्म से ही दोनों पैर कमजोर। दांया पैर का पंजा आगे से मुड़ गया है। निशा पुत्री पिता रमनलाल जन्म से नेत्रहीन है और मानसिक रूप से कमजोर भी। प्रमोद(10) पुत्र लक्ष्मन जन्मजात मानसिक दिव्यांग है। सुजान पुत्र पूरन और रामवीर(14) पुत्र अतर सिंह के पैरों की हड्डी कमजोर हैं। गुंजन(15) पुत्री प्रताप तो उठने-बैठने में भी असमर्थ हैं।

चंदन सिंह पुत्र जनक सिंह बिना व्हीलचेयर चल नहीं सकते। इनके अलावा ज्योति पत्नी भिक्की, पवन कुमार पुत्र गिर्राज, गीता पुत्री भजन लाल, भूरी पुत्र लखमी, दीपक पुत्र ध्रुव, नैतिक पुत्र नरेश, कुंदनपुत्र प्रभू, भगत सिंह पुत्र फतेह सिंह, घंसो पुत्र दुलीचंद, गौरव पुत्ररनवीर, प्रहलाद पुत्र नारायन, ¨दगबर पुत्र बीरी, संदीप पुत्र छन्नो,तेजपाल पुत्र प्रेम सिंह आदि भी दिव्यांग हैं।

डॉ. मनीष बंसल का कहना है कि पानी में ज्यादा फ्लोराइड़ से फ्लोरेसिस बीमारी होती है। इसमें हड्डियां कमजोर हो जाती है। फैक्ट्री एरिया और प्रदूषित जल को अंडरग्राउंड पानी में नहीं डालना चाहिए, ये सबसे ज्यादा हानिकारक है।

चौमुहां सीएचसी प्रभारी डॉ. सोनू चतुर्वेदी कहते हैं कि जिस तरह से अकबरपुर में दिव्यांगता है, उसका कारण खारा पानी हो सकता है। यहां से बच्चों के हाथ-पैर टेढ़े होने, किडनी में पथरी और घुटनों और जोडों में आवाज आने की शिकायत आम हैं।

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