पाकिस्तान नेता ने गाया – सरे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा , वीडियो तेजी से वायरल…

भारत की मोदी सरकार द्वारा जम्मू – कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पाकिस्तान अब भारत से बदला लेने के विचार में हैं. पाकिस्तान ने भारत को युद्ध के लिए अलर्ट भी कर चुका हैं. 

 

 

 

 

खबरों के मुताबिक केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के फैसले के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जम्मू-कश्मीर पर रोजाना बयान बदल रहे हैं. वहीं वो कश्मीर के लोगों के समर्थन में भड़काऊ बयानबाजी भी कर चुके हैं. इस बीच पाकिस्तान के एक नेता ने भारत को समर्पित गीत गाया है.

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जहां पाकिस्तान के कराची में राजनीतिक रूप से मजबूत पकड़ रखने वाले मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के संस्थापक अल्ताफ हुसैन का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में वो ‘सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा’ गाना गाते नजर आ रहे हैं.

अल्ताफ को पाकिस्तान विरोधी भाषण देने के लिए जाना जाता है. बताया जाता है कि जून 2019 में हुसैन पाकिस्तान विरोधी भाषण को लेकर गिरफ्तार हो चुके हैं. तब उनकी गिरफ्तारी लंदन स्थित उनके घर से हुई थी. आरोप था कि निर्वासित नेता हुसैन ने 2016 में एक विवादित भाषण दिया था. हालांकि, इसके बाद उन्होंने माफी मांग ली थी.

देखा जाये तो हुसैन ने अपने भाषण में पाकिस्तान को ‘आतंकवाद का केंद्र’ और ‘पूरी दुनिया के लिए एक कैंसर’ बताया था. बता दें कि अल्ताफ की पार्टी का कराची में करीब 30 साल तक राजनीतिक रूप से दबदबा रहा है. अल्ताफ को मुहाजिरों का समर्थन प्राप्त है जो पाकिस्तान में रहते हैं. ये मुहाजिर उन मुस्लिमों के वंशज हैं जो 1947 में विभाजन के दौरान भारत से पाकिस्तान चले गए थे.

अल्ताफ हुसैन और उनकी पार्टी के बारे में कुछ दिलचस्प बातें…

– MQM को कनाडा की फेडरल कोर्ट ने 2006 में आतंकी संगठन करार दिया.

– लाहौर हाईकोर्ट ने 2015 में अल्ताफ की तस्वीर, वीडियो या बयान मीडिया में दिखाने पर पूरी तरह बैन लगा दिया.

– पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में इस वक्त MQM के 25 सांसद हैं.

– अल्ताफ के पिता आगरा में भारतीय रेलवे में कार्यरत थे. वो यहीं नाई की मंडी इलाके में रहते थे.

– विभाजन के बाद उनका परिवार पाकिस्तान चला गया.

– 1984 में राजनीतिक पार्टी के रूप में MQM का उदय हुआ, और अल्‍ताफ नेता बनकर उभरे.

– अल्ताफ को पाकिस्तान के कराची में लोग काफी पसंद करते थे, उन्हें वहां पीर का दर्जा प्राप्त था.

– राजनीतिक हिंस के शुरू होने के बाद 1992 में अल्‍ताफ जान को खतरा बताते हुए लंदन चले गए.

– वो लंदन से ही पार्टी का नेतृत्व करते थे.

– लंदन में शरणार्थी बनकर जिंदगी काट रहे अल्ताफ को 2002 में एक क्लेर्किल मिस्टेक की वजह से ब्रिटिश नागरिकता मिली.- एक रिपोर्ट के मुताबिक अल्ताफ पर भ्रष्टाचार समेत लगभग 3576 केस दर्ज हैं.

– 2015 में पाकिस्‍तान की एक कोर्ट ने हत्‍या समेत कई मामलों में 81 साल की सजा सुनाते हुए भगोड़ा घोषित कर दिया.

 

 

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