कौशल की कमी की खाई को भरने में मददगार पर्सनल कम्प्यूटर्स

पर्सनल कम्प्यूटर्स नई दिल्ली। पर्सनल कम्प्यूटर्स (पीसीस) ने कौशल के अंतर को खत्म करने और देश में सार्वभौमिक डिजिटल साक्षरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इंटेल इंडिया ने गुरुवार को यह बात कही।

अपने ‘एक कदम उन्नति की ओर’ पहल के प्रभाव की एक आकलन रिपोर्ट जारी करते हुए इंटेल इंडिया ने कहा कि ज्ञान अर्थव्यवस्था के रूप में भारत के विकास के लिए पर्सनल कम्प्यूटिंग बेहद महत्वपूर्ण है।

पर्सनल कम्प्यूटर्स का महत्व

भारत सरकार के डिजिटलीकरण को जमीनी स्तर तक लाने के दृष्टिकोण के प्रसार हेतु इंटेल इंडिया ने ‘एक कदम उन्नति की ओर’ पहल की शुरुआत की।

इंटेल साउथ एशिया के प्रबंध निदेशक देबजानी घोष ने यहां संवाददाताओं को बताया, “2022 तक कौशल की कमी के बढ़ने से भारत में 25 करोड़ से अधिक कर्मचारियों की कमी हो सकती है। इस परेशानी को तुरंत सुलझाने की जरूरत है और इसमें प्रौद्योगिकी मददगार साबित हो सकती है।”

रिपोर्ट में दर्शाया गया है कि नौकरी की तलाश में और स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों के लिए पीसी का इस्तेमाल स्मार्टफोन के संबंध में अनुपातिक रूप से सात प्रतिशत बढ़ा है। ये दोनों उपकरण भारत की अर्थव्यवस्था के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।

इंटेल ने पर्सनल कंप्यूटिंग की प्रासंगिकता के निर्माण हेतु सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के करीब 20 संगठनों के साथ साझेदारी की है।

ग्रामीण क्षेत्रों में कम्प्यूटरों के इस्तेमाल की चुनौतियों के पीछे रिपोर्ट में स्थानी भाषा की कमी मुख्य कारण दर्शाया गया है।

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