पराग डेयरी का काला सच आया सामने, दूध की जगह तौला जाता है पानी

पराग दूधलखनऊ: पराग दूध की तौल में गड़बड़ी करके करोड़ों रुपये की हेराफेरी के संगीन मामले का पर्दाफाश हुआ है। इसका भंडाफोड़ तब हुआ जब इसका एक वीडियो वायरल हो गया। वीडियो में दूध ढोने के काम में लगे टैंकर मालिक से क्षेत्र पर्यवेक्षक एक लाख रुपये घूस मांगते हुए दिखाई दे रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए महाप्रबंधक ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाकर तीन दिन में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।

आरोपित कर्मचारी पहले भी इसी तरह के मामले में दोषी पाया जा चुका है।पराग डेयरी में दूध ढोने वाले टैंकर को लगाने के लिए विभागीय क्षेत्र पर्यवेक्षक शिवराम यादव ने टैंकर मालिक राजेश कुमार से एक लाख रुपये घूस लेने का दबाव बनाया।

टैंकर मालिक राजेश कुमार पुत्र जुगुल किशोर सदर बाजार के मखनिया मोहाल का निवासी है। वाहन स्वामी द्वारा घूस न देने पर उक्त वाहन को क्षेत्र पर्यवेक्षक शिवराम यादव ने नियम विरुद्ध तरीके से 17 दिसम्बर 2016 को हटा भी दिया। इस पूरे प्रकरण का वीडियो वायरल होते ही विभागीय अधिकारियों में खलबली मच गई।

शुक्रवार को आनन-फानन पराग के महाप्रबंधक दिनेश कुमार सिंह ने तीन सदस्यीय एक जांच कमेटी गठित करके तीन दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश भी जारी कर दिए। जांच कमेटी में कारखाना प्रबंधक लोकेश कुमार, प्रभारी (वित्त एवं लेखा) तपेश यादव और प्रभारी अभियंत्रण अमित यादव को शामिल किया गया है।

पराग दूध का काला सच

दूध ढोने वाले टैंकर में अलग से चैम्बर बनाकर पानी लाए जाने एवं उसे दूध के रूप में तौल कराकर करोड़ों रुपये के मामले सामने आते रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि लखनऊ दुग्ध संघ और पीसीडीएफ के अधिकारी-कर्मचारियों का एक बड़ा रैकेट इसमें शामिल रहा है। ऐसे ही एक मामले में आरोपित क्षेत्र पर्यवेक्षक शिवराम यादव समेत 17 अधिकारी-कर्मचारी दोषी भी पाए गए थे। लेकिन इस जांच रिपोर्ट को दबाकर ज्यादातर लोग विभाग में अभी भी जमे हुए हैं।

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