बॉर्डर पर खाई पांच गोलियां, बच कर भी नोटबंदी के सामने साबित नहीं कर पाया ‘देशभक्ति’

नोट बैन पर देशनई दिल्ली। नोट बैन पर देश की राय अलग-अलग है। कोई नोटबंदी को गरीबों के लिए नई आफत कह रहा है तो कोई अपने पैसे के लिए लाइन में लगने को देशभक्ति से जोड़ रहा है। इस फैसले के समर्थन में लोग कह रहे हैं कि जब सेना का जवान देश के लिए खड़ा हो सकता है तो हम सब क्यों नहीं। लेकिन 1990 में देश के लिए पांच गोलियां खाने वाला केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का एक रिटायर जवान ऐसी कथित ‘देशभक्ति’ साबित नहीं कर पाया। बैंक से नकदी न मिलने से आजिज होकर जवान ने खुदकुशी कर ली।

इलाज के लिए पैसों की जरूरत के चलते बैंक से नकदी न मिलने से परेशान आगरा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के एक रिटायर जवान ने खुदकुशी कर ली। मृतक राकेश चंद कई बार पैसे निकालने के लिए कई बार गए लाइन में लगे लेकिन खाली हाथ ही लौटे। इससे दुखी होकर उन्‍होंने खुद को लाइसेंसी बंदूक से गोली मार ली।

राकेश को सीआरपीएफ में रहने के दौरान कश्‍मीर में तैनाती के समय 1990 में पांच गोलियां लगी थी। इसके बाद उनका ऑपरेशन कर गोलियां निकाली गई थी। राकेश आतंकियों की गोलियां तो झेल गए लेकिन नोटबंदी ने उनका जीवन समाप्‍त कर दिया।

उनके बेटे सुशील ने बताया कि सीआरपीएफ में रहने के दौरान गोली लगने के बाद से उनके हार्ट में समस्‍या थी। वे साल 2012 में हैड कांस्‍टेबल पद से रिटायर हुए थे। कई दिनों से वहले ताजगंज स्थित स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा से पैसे निकलवाने जा रहे थे। लेकिन हर रोज खाली हाथ लौटते थे। राकेश आगरा के बुढ़ाना गांव के रहने वाले थे। उनके बेटे के अनुसार, ”मेरे पिता को हार्ट के इलाज के लिए पैसों की जरुरत थी। उन्‍हें 15 हजार रुपये की पेंशन मिलती थी। डॉक्‍टर के पास जाने और दवाइयों के लिए उन्‍हें 6-7000 रुपये चाहिए थे।”

गौरतलब है कि आठ नवंबर को पीएम मोदी ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने का एलान किया था। इसके बाद से देशभर के बैंक और एटीएम में अभी तक पर्याप्‍त पैसा नहीं पहुंचा है। इसके चलते हाल के दिनों में लोगों का गुस्‍सा भी फूटने लगा है। कई जगहों पर बैंककर्मियों से मारपीट, झगड़ा, पथराव और सड़कों को जाम करने की खबरें सामने आई हैं।

नोट बैन पर देश की राय नोटबंदी के फैसले के एक महीने के बाद बदलने लगा है। हफिंगटन पोस्‍ट-बीडब्‍ल्‍यू-सीवोटर की ओर से कराए गए ओपिनियन पोल में सामने आया है कि लोग नोटबंदी के फैसले को अब परेशानी मानने लगे हैं।

LIVE TV