नोटबंदी का अर्थव्यवस्था की रफ्तार पर एक फीसदी से कम असर : फिक्की

नोटबंदीनई दिल्ली| इंडियन चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के नए अध्यक्ष पंकज आर. पाटिल का कहना है कि नोटबंदी से देश की विकास दर को नुकसान होगा, लेकिन यह एक फीसदी से अधिक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत अब पटरी लौटता दिख रहा है।

उन्होंने बैंकों द्वारा कर्ज पर ब्याज दर में की जा रही कटौती को अप्रत्याशित बताया और उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि आगे और भी कटौती हो सकती है।

पटेल, जो कि जाइडस केडिला के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं, एक साक्षात्कार में कहा, “मैं नहीं समझता कि नोटबंदी का असर एक फीसदी से ज्यादा होगा। सभी सेक्टर पर इसका असर नहीं है। सेवा क्षेत्र काफी अच्छा कर रहा है। असंगठित क्षेत्र प्रभावित हुआ है और वस्त्र, हीरा और संपत्ति कारोबार पर भी इसका असर पड़ा है जोकि करीब 10 फीसदी तक है। कुछ उद्योगों पर 25 फीसदी तक भी असर पड़ा है, जिसमें वाहन क्षेत्र शामिल है। लेकिन यह अल्पकालिक है, सबकुछ जल्दी ही सामान्य हो जाएगा।”

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी 7.3 फीसदी रही है, जबकि पहली तिमाही में यह 7.1 फीसदी थी, लेकिन पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही की तुलना में यह कम है जोकि 7.6 फीसदी थी।

नोटंबदी के असर का आकलन करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अलावा कई घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों ने भी वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान विकास दर अनुमान को 7.6 फीसदी से घटाकर 7.1 फीसदी कर दिया है।

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