नमामि गंगे की बदौलत बदलेगी देव भूमि की सूरत

नमामि गंगेदेहरादून उत्तराखंड में नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा और उनकी 11 सहायक नदियों के जलसमेत क्षेत्रों में अगले वर्ष विभिन्न प्रजातियों के 15 लाख पौधे लगाए जाएंगे। उन नदियों में भागीरथी, असी गंगा, बालगंगा, भिलंगना, नयार, धौलीगंगा, अलकनंदा, मंदाकिनी, नंदाकिनी, पिंडर व सौंग शामिल हैं।

पौधरोपण के लिए नामित नोडल वन विभाग ने इस सिलसिले में काम शुरू कर दिया है। यही नहीं, 300 हेक्टेयर निजी भूमि में भी 46 हजार पौधे अलग से रोपने का लक्ष्य रखा गया है।

नमामि गंगे के तहत होने वाले पौधरोपण के साथ ही भूमि संरक्षण कार्यों के लिए वन विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। इस कड़ी में पिछले साल गंगा और उसकी सहायक नदियों के कैचमेंट एरिया में एक हजार हेक्टेयर क्षेत्र में 10 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा, जो इस बार पूरा करने का दावा विभाग ने किया है। नोडल अधिकारी संतोष विजय शर्मा के मुताबिक विभिन्न गांवों में 1123 किसानों को डेढ़ सौ पौधे प्रति हेक्टेयर के हिसाब से उपलब्ध कराए गए। इन कार्यों की मॉनीटरिंग प्रारंभ कर दी गई है।

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उन्होंने जानकारी दी कि अगले वर्ष के लिए भी लक्ष्य तय कर दिया गया है। 1500 हेक्टेयर क्षेत्र में 15 लाख पौधे लगाने के लिए अभी से गड्ढा खुदान जैसे कार्य प्रारंभ करने के आदेश निर्गत किए गए हैं। इनमें अधिकांश पौधे अगली बरसात में जबकि, कुछ शीतकाल में लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को भी पौधरोपण से जोड़ा गया है और विभाग उन्हें पौध उपलब्ध करा रहा है। अगले साल के गांवों में 300 हेक्टेयर क्षेत्र का चयन किया गया है। इसके अलावा भूमि संरक्षण के कार्य भी नियत कर दिए गए हैं

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