देश में वैक्सीन से पहली मौत की पुष्टि, टीके बाद शरीर में दिखे ये एलर्जी तो हो जाए सावधान
भारत में कोरोना वायरस की वैक्सीन लगवाने से एक 68 साल की बुजुर्ग की मौत हो गई । सरकार की ओर से गठित पैनल ने इसकी पुष्टि की है। बता दें कि बुजुर्ग को 8 मार्च को वैक्सीन की डोज दी गई थी, जिसके बाद उनमें एनाफिलैक्सिस जैसे साइडइफेक्ट दिखे थे। इसके बाद उनकी मौत हो गई।
कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत मे वैक्सीन लगवाने के बाद गम्भीर साइड इफेक्ट्स वाले 31 लोगों के केस की स्टडी की गई, इनमें से 28 की मौत हो गई थी। हालांकि, इनमें सिर्फ एक व्यक्ति की मौत वैक्सीन की वजह से हुई और 3 लोग हॉस्पिटल में भर्ती होने के बाद ठीक हो गए।
वहीं, जिन 3 लोगों को वैक्सीन लगवाने के बाद गम्भीर साइडइफेक्ट की वजह से हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था और वह पूरी तरह ठीक होने के बाद घर चले गए थे। उनमें से 2 की हालत वैक्सीन के रिएक्शन के कारण खराब हुई थी और एक की हालत वैक्सीन के डर की वजह से बिगड़ी थी।
रिपोर्ट की माने तो AEFI कमेटी के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा की अध्यक्षता में तैयार की गई रिपोर्ट में बताया गया कि दो और लोगों में वैक्सीन लगने के बाद एनाफिलैक्सिस की समस्या सामने आई। इनकी उम्र 20 साल के आसपास थी। हालांकि, हॉस्पिटल में इलाज के बाद दोनों पूरी तरह रिकवर हो गए थे। इन्हें 16 और 19 जनवरी को वैक्सीन लगाई गई थी। इनमें से एक को कोवीशील्ड और एक को कोवैक्सिन लगाई गई थी। ऐसे में तीन और मौतों की वजह वैक्सीन को माना गया है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
इसपर सरकारी पैनल की रिपोर्ट का कहना है कि वैक्सीन से जुड़े हुए अभी जो भी रिएक्शन सामने आ रहे हैं, उनकी उम्मीद पहले से ही थी। इनके लिए मौजूदा साइंटिफिक एविडेंस के आधार पर वैक्सीनेशन को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। ये रिएक्शन एलर्जी से संबंधित या एनाफिलैक्सिस जैसे हो सकते हैं।
क्या है एनाफिलैक्सिस एलर्जी?
एनाफिलैक्सिस एक घातक एलर्जी होती है, जिसका तुरंत इलाज किया जाना बेहद जरूरी होता है। यह बहुत तेजी से फैलती है। एनाफिलैक्सिस में पूरा शरीर बुरी तरह प्रभावित होता है।
एनाफिलैक्सिस के लक्षण
-स्किन पर रैशेज हो जाते हैं, खुजली होने लगती है और सूजन भी आ जाती है
-खांसी के अलावा सांस लेने में भी दिक्कत होती है।
-पेट में अजीब-सी ऐंठन और उल्टी आने लगती है।
-चक्कर और सिरदर्द की समस्या भी हो सकती है।
-सांस लेने में घरघराहट की आवाज आती है।
-डायरिया हो जाता है और जीभ पर भी सूजन आ जाती है।
-शरीर पीला पड़ जाता है और पल्स रेट भी घट जाती।
एनाफिलैक्सिस का क्या है इलाज
एनाफिलैक्सिस अक्सर एलर्जी पैदा करने वाले तत्वों के संपर्क में आने के बाद तुरंत ही अपना रूप दिखा देता है। हालांकि, कभी-कभी इसे सामने आने में कुछ घंटे भी लग जाते हैं। इसके ट्रीटमेंट में एपीनफिरीन का शॉट एकदम कारगर है और इसे तुरंत ही मरीज को दिया जाना चाहिए। यह एक अड्रेनलिन ऑटो-इंजेक्टर होता है, जो ब्लड वेसल्स को सिकोड़ देता है। इससे स्मूद मसल्स को रिलैक्स करने में भी मदद मिलती है और सांस लेने में हो रही कठिनाई भी दूर हो जाती है।