दुनिया में इस जगह पर आज भी दफ़न हैं 8 करोड़ बम, जरा सी चूक से हो जायेगा सबका खात्मा…

लाओस की धरती पर आज भी 8 करोड बम जमीन के अंदर दबे हुए है। वियतनाम वॉर को खत्म हुए 40 साल से भी ज्यादा वक्त गुजर गया, लेकिन लाओस की धरती पर आज भी इसके जख्म दिख जाएंगे। वियतनाम वॉर के दौरान बमबारी सीआईए के सीक्रेट ऑपरेशन का हिस्सा थी, जिसका मकसद नॉर्थ वियतनाम के सप्लाई रूट्स बाधित करना था।

अमेरिकी प्लेन असल टारगेट तक न पहुंच पाने पर लाओस की जमीन डंपिंग ग्राउंड की तरह इस्तेमाल कर रहे थे। युद्ध के दौरान अमेरिका ने लाओस की जमीन पर 27 करोड़ से भी ज्यादा बम गिराए थे।

अजब गजब

यानी इतनी मात्रा कि नौ सालों तक हर आठ मिनट पर बम से एक प्लेन भरा जा सके। इस बमबारी में 20 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे और 1964 से 1973 तक युद्ध के दौरान लगातार जख्मी हुए।

2008 में जहां जमीन में दफ्न बम के चलते 300 लोगों को नुकसान पहुंचा, वो आंकड़ा 2015 में 42 हो गया। जमीन में दबे बमों के ब्लास्ट का सिलसिला कम जरूर हुआ है पर रूका नहीं है। इसमें बच्चे सबसे ज्यादा हादसों के शिकार हो रहे हैं।

यूएन डेवलपमेंट प्रोग्राम के लाओस में डिप्टी रिप्रेसेन्टेटिव बाला सुब्रमण्यम मुराली के मुताबिक, जिज्ञासा में बच्चे बमों से खेलने जाते हैं और हादसे का शिकार हो जाते हैं।

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ऑर्गेनाइजेशन लीगेसी ऑफ वॉर के मुताबिक, लाओस में गिराए गए बम से भविष्य में होने वाले नुकसान के बचने के लिए देश को एक दशक तक हर साल डेढ़ अरब रुपए खर्च करने होंगे।

लाओस के एक फीसदी हिस्से को बमों से क्लियर करने में एक करोड़ डॉलर से ज्यादा की रकम खर्च हो गई। शिएंग खोउआंग लाओस से ज्यादा प्रभावित प्रॉविन्स में से एक है। यहां जंगल से लेकर स्कूल के ग्राउंड, रोड और खेतों में आसानी से बम मिल जाएंगे।

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