मैक्स अस्पताल के पंजीकरण पर दिल्ली मेडिकल काउंसिल ने पूछे सवाल

मैक्स अस्पतालनई दिल्ली। दिल्ली के शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल के लिए एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है। दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) ने अस्पताल को एक नोटिस जारी किया है जिसमें अस्पताल की योग्यता और दिल्ली नर्सिग काउंसिल पंजीकरण का विवरण मांगा गया है। यह नोटिस 20 दिसंबर को जारी किया गया था। अस्पताल ने इसी दिन से अपनी सेवाओं को फिर से शुरू किया था। इससे पहले दिल्ली सरकार द्वारा पंजीकरण रद्द करने के तुरंत बाद अस्पताल ने नए रोगियों को भर्ती करने से रोक दिया था।

चक्रवाती बारिश से ओडिशा के तीन जिलों में 33 फीसदी फसलों को नुकसान

उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार की यह कार्रवाई, अस्पताल द्वारा 22 सप्ताह के समय से पूर्व जन्मे बच्चे को मृत घोषित किए जाने के बाद हुई थी। बच्चा उस वक्त जीवित था, और अस्पताल कर्मचारियों ने उसे एक प्लास्टिक की थैली में बांधकर माता-पिता को सौंप दिया था। उसके साथ उसकी जुड़वा बहन भी थी।

नोटिस में कहा गया है, “मेडिकल रिपोर्टों के आधार पर, शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल द्वारा एक नवजात शिशु को उसी वक्त जन्मी जुड़वा बच्ची के साथ मृत घोषित करार देकर माता-पिता को सौंप दिया गया था। इस संबंध में, डीएमसी ने मीडिया रिपोर्टों पर खुद से संज्ञान लेते हुए अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही और मामले की जांच शुरू कर दी।”

काउंसिल ने अस्पताल को भी निर्देश दिया है कि वे 15 दिनों के भीतर अपने बचाव के लिए किसी अन्य दस्तावेज के साथ अपना बयान दर्ज कराएं।

चारा घोटाला : लालू का भाजपा पर प्रहार, बोले- मुझे परेशान कर सकते हैं, पराजित नहीं

नोटिस में कहा गया, “आपको अपनी योग्यता और दिल्ली नर्सिग काउंसिल के पंजीकरण के विवरण की एक प्रति जमा करने का निर्देश दिया गया है।”

डीएमसी सचिव गिरीश त्यागी ने कहा कि जारी किया गया नोटिस ‘इस मामले से संबंधित अस्पताल के सभी डॉक्टरों के संबंध में है’ और काउंसिल ने उनसे व्यक्तिगत जवाब मांगा है।

त्यागी ने आईएएनएस को बताया, “हम मामले में शामिल हर डॉक्टर की भूमिका की जांच करना चाहते हैं, जिसमें वह स्त्री रोग विशेषज्ञ भी शामिल है जो बच्चे के जन्म के दौरान वहां थी।”

LIVE TV