दिल्ली बना दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर, 500 पहुंचा AQI

पंजाब, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने से दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। विदेशी मौसम विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषण शहर बन गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड  द्वारा जारी ताजा  आंकड़ों के मुताबिक, वायु प्रदूषण में लगातार इजाफा होने के चलते दिल्ली के साथ एनसीआर के शहरों में भी हालात बदतर हो गए हैं। सीपीसीबी के ताजा आंकड़ों में मंगलवार को दिल्ली के आइटीओ पर वायु गुणवत्ता स्तर (Air Quality Index) 469 रहा। वहीं, दिल्ली के नरेला में 489 और दिल्ली से सटे गुरुग्राम में यह 497 पहुंच गया। दिल्ली से सटे नोएडा शहर का भी बुरा हाल है। यहां वायु गुणवत्ता स्तर 480 पहुंच गया है।

इस बीच सोमवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आगामी 30 नवंबर तक दिल्ली-एनसीआर में पटाखे फोड़ने और बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं, सोमवार को दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया, जिससे सांस लेना भी मुश्किल हो गया है, ज्यादातर लोगों ने आंखों में जलन की भी शिकायत की है।

वहीं, मौसमी उतार-चढ़ाव के बीच दिल्ली की हवा ने सोमवार को एक साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। एयर इंडेक्स 477 दर्ज किया गया। यह इस सीजन का ही नहीं, पिछले साल तीन नवंबर के बाद का सर्वाधिक है। तब एयर इंडेक्स 494 रिकॉर्ड हुआ था। इस सीजन में ऐसा पहली बार हुआ है, 

स्थिति की गंभीरता को इससे भी समझा जा सकता है कि दिल्ली-एनसीआर की हवा की गुणवत्ता पर नजर रखने के लिए नवगठित आयोग ने अपील की है कि जब तक बहुत जरूरी न हो, घर से न निकलें।

वहीं, केंद्र सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रलय से जुड़ी संस्था सफर इंडिया के मुताबिक, सोमवार को दिल्ली में पीएम 10 का स्तर 573 तक था, वहीं पीएम 2.5 का स्तर 384 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया। साफ हवा के लिए पीएम 10 का स्तर अधिकतम 100 और पीएम 2.5 का स्तर शून्य से 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर होना चाहिए। खास बात यह है कि दिल्ली की हवा ऐसे समय में जहरीली हुई, जब केंद्र और राज्य सरकार महीने भर पहले से रोकथाम का अभियान छेड़े हुए हैं। हाल में ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को चेतावनी भी दी थी कि दिल्ली-एनसीआर के ऊपर प्रदूषण की धुंध नहीं होनी चाहिए।

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