चुनाव के बाद केजरीवाल ने दिखाया रंग, खोल दी मोदी की सबसे बड़ी पोल, चंद मिनटों में पलटेगी सत्ता

दिल्ली के एमसीडी चुनावनई दिल्‍ली। पहले पंजाब और गोवा लुटने के बाद अब दिल्ली के एमसीडी चुनाव में मिली हार के बाद आम आदमी पार्टी के मुखिया व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आत्‍मचिंतन बैठक की। अपने घर पर विधायकों और पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी की फजीहत पर गर्मागम मंथन हुआ। इस बैठक में हार के सभी पहलुओं पर माथापच्ची की गई। इसमें अधिसंख्‍य सदस्‍यों ने एक स्‍वर में कहा हार ईवीएम से नहीं मोदी लहर से हुई है।

बैठक में मीडिया सहित किसी को जाने की इजाजत नहीं थी। सूत्रों के मुताबिक बैठक में अधिकतर विधायकों ने हार के लिए ईवीएम को जिम्मेदार नहीं माना। अरविंद केजरीवाल समेत पार्टी के कई नेताओं ने हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ा था, लेकिन गुरुवार को हुई बैठक में कई नेताओं ने केजरीवाल के ईवीएम से हार के बयान से पल्‍ला झाड़ लिया और कहा हार के लिए ईवीएम की बजाय बड़ी वजह मोदी लहर और जमीन पर पार्टी की अनुपस्थिति न होना रहा है।

दरअसल, विधायकों ने इस बैठक में अपनी बात रखते हुए कहा कि हार के लिए सिर्फ ईवीएम को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है। कुछ विधायकों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की लहर को जिस तरह से बीजेपी ने जनता के बीच भुनाया वह भी एमसीडी में मिली हार का एक बड़ा कारण है।

गौरतलब है कि बैठक में चर्चा के दौरान नेतृत्व ने यह भी माना कि पंजाब में मिली हार के बाद दिल्ली में नेताओं और कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा हुआ था। नेताओं को उम्मीद थी कि पंजाब चुनाव जीतने के बाद दिल्ली में बड़े मनोबल के साथ निगम में जीत सुनिश्चित होगी,  लेकिन वहां मामला गड़बड़ होने के बाद उसका सीधा असर दिल्ली के एमसीडी चुनाव पर पड़ा। टूटे मनोबल के कारण जमीन पर आम आदमी पार्टी की अनुपस्थिति इस हार का एक बड़ा कारण रही है।

सूत्रों के अनुसार पार्टी की चिंतन बैठक में केजरीवाल का ईवीएम से हारे वाले बयान की हवा निकल गई। भरी सभा में अपने ही विधायक उनसे अलग राय दिखे। ऐसे में केजरीवाल को अपनी शैली पर आत्‍म मंथन करने की सख्‍त आवश्‍यकता है। नहीं तो नतीजों और उनके बयान में जमीन आसमान का फर्क हमेशा बरकरार रहेगा।

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