केजरीवाल को लपेटने के चक्कर में मोदी सरकार कर बैठी ये बड़ी भूल, अब कोर्ट के एक फरमान ने उड़ा दिए होश

दिल्ली उच्च न्यायालयनई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से दाखिल उस याचिका पर जवाब देने को कहा है, जिसमें केजरीवाल ने आपराधिक मानहानि के मुकदमे में अपने खिलाफ निचली अदालत की टिप्पणी को हटाने की मांग की है। न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने जेटली को नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 जुलाई की तारीख तय की।

जेटली ने केजरीवाल, आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह, राघव चड्ढा तथा दीपक बाजपेयी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि आप नेताओं ने दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन में कथित घोटाले के सिलसिले में उनके (जेटली) खिलाफ ‘बेबुनियाद तथा मानहानिकारक’ बयान दिए, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को ठेस लगी।

जेटली दिसंबर 2013 तक डीडीसीए के अध्यक्ष थे और वह लगभग 13 वर्षो तक इस पद पर रहे।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने आप नेताओं खिलाफ मानहानि का एक दीवानी मुकदमा भी दायर कर रखा है और 10 करोड़ रुपये हर्जाने की मांग की है।

निचली अदालत की टिप्पणियों को चुनौती देने के लिए केजरीवाल मंगलवार को उच्च न्यायालय पहुंचे।

उल्लेखनीय है कि बीते 30 जनवरी को उनकी याचिका खारिज करते हुए निचली अदालत ने कहा था कि उनकी याचिका में ‘कोई दम नहीं है, यह बदनीयती और मुकदमे की सुनवाई बाधित करने के उद्देश्य से दायर की गई है।’

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