दादी-नानी के नुस्‍खे : वायरल फीवर है तो अपनाएं ये अचूक आयुर्वेदिक घरेलू उपाय

वायरल फीवरबरसात के मौसम में कई प्रकार की बीमारियां भी अपने पैर पसारने लगती हैं। सबसे घातक बीमारी होती है वायरल फीवर। वायरल का पता लगते ही लोग सबकुछ छोड़कर एलोपैथिक डॉक्‍टर के पास भागते हैं। लेकिन एलोपैथिक दवाईयां शरीर के लिए बहुत ही नुकसान दायक होती हैं। हम आपको यहां इस बीमारी से बचने के लिए आयुर्वेदिक उपाय बताने जा रहे है जो आपके घर में ही उपलब्‍ध हैं।

क्‍या है वायरल फीवर

कई प्रकार के सूक्ष्मजीवी जैसे बैक्टीरिया, वायरस, फफूंद और अन्य प्रकार के जीवाणु प्रतिदिन मनुष्य के शरीर में प्रवेश करते हैं। आमतौर पर प्रतिरक्षक तंत्र इनसे मुकाबला करके इन्हें शरीर में कोई बड़ी समस्या उत्पन्न करने से रोकता है। हालाँकि, कभी-कभी ऐसा होता है कि प्रतिरक्षक तंत्र इन सभी से मुकाबला करके सभी को शरीर के बाहर नहीं निकाल पाता। जब व्यक्ति का प्रतिरक्षक तंत्र इन हानिकारक वायरस को बाहर निकालने में असफल हो जाता है, ये शरीर में संक्रमण उत्पन्न करते हैं जो बाद में वायरल फीवर में बदल जाता है। इसलिए वायरल फीवर शब्द को विभिन्न वायरस द्वारा उत्पन्न अलग-अलग प्रकार के संक्रमणों के लिए उपयोग किया जा सकता है।

वायरल फीवर के लक्षण

शरीर में दर्द, गले में खराश, मतली और उल्टी, कम या तेज बुखार

नाक से द्रव बहना, सिरदर्द, खाँसी, आँखों में लालिमा और जलन का एहसास

त्वचा पर धब्बे , माँसपेशियों और जोड़ों में दर्द, सामान्य रूप से कमजोरी

वायरल फीवर में लें ये आहार

अधिक से अधिक पानी पियें।

फलों का ताजा निकला रस।

सूप, दही चावल, उबला दूध, चपाती

खिचड़ी, जई, अंडे, केले और सेब, उबला आलू,

वायरल फीवर में करें इन चीजों का परहेज

मसालेदार और चिकने आहार।

रेड मीट, जंक फ़ूड, रेड मीट, कार्बन युक्त पेय, आइस क्रीम

शराब, तैलीय अथवा उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त आहार

घरेलू उपाय (उपचार)

सीधे माथे पर ही ठन्डे पानी की पट्टी या पैक लगाएँ।

दिन में एक-दो बार 5 से 10 मिनट के लिए कुनकुने पानी से सोखें।

हलके और शीतल वस्त्र पहनें, ये त्वचा के निशानों को उत्तेजित करने वाले नहीं होने चाहिए।

तरल पदार्ध, खासकर पानी, फलों का रस और गर्म सूप अधिक मात्रा में लें।

बिना तेल व मसाले के पकाया हुआ, स्वादरहित भोजन लें।

नमक के पानी से गरारे करें और कुछ मीठा जैसे शक्कर की गोली चूसें।

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