तीन तलाक पर भाजपा ने खोला मोर्चा, कहा- एक साथ नहीं रह सकते इबादत और अदावत

भाजपा नेता नई दिल्ली: भाजपा नेता और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि मोदी सरकार यूपी विधानसभा चुनावों के बाद ट्रिपल तलाक पर बैन की दिशा में बड़ा फैसला कर सकती है एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रसाद ने कहा कि यह परंपरा महिलाओं के सम्मान के खिलाफ है और इस पर बैन लगाए जाने की जरूरत है।

भाजपा नेता  ने कहा कि यूपी विधानसभा चुनावों के बाद सरकार ट्रिपल तलाक पर बैन लगाने के लिए बड़ा कदम उठा सकती है प्रसाद के मुताबिक, केंद्र सरकार ‘समाज के कुरीतियों’ को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है इसके अलावा सरकार तीन बिंदुओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी यह मामला उठाएगी।

प्रसाद ने कहा कि  ट्रिपल तलाक का मामला धर्म से जुड़ा हुआ नहीं है बल्कि यह महिलाओं के सम्मान से जुड़ा हुआ है प्रसाद ने कहा, कि सरकार आस्था का सम्मान करती है, लेकिन इबादत और सामाजिक बुराई एक साथ नहीं रह सकती.

अन्य राजनातिक दलों पर निशाना साधते हुए रविशंकर प्रशाद ने कहा कि केवल हम ही एक ऐसी पार्टी हैं, जो महिलाओं का सम्मान करती है दूसरी पार्टियां न तो उन्हें अच्छी जगह देती हैं और न उनका सम्मान करती हैं।

प्रसाद ने मायावती पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें जातिगत राजनीति से ऊपर उठकर महिलाओं का सम्मान करना चाहिए इसके अलावा उन्होंने एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और बीएसपी सुप्रीमों मायावती को ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने की चुनौती भी दी.

बीजेपी के घोषणापत्र की बात करते हुए प्रसाद ने कहा कि हमारे घोषणापत्र में ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर प्रदेश की मुस्लिम महिलाओं से राय लेकर सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखने का वादा किया है ट्रिपल तलाक राजनीतिक रूप से तटस्थ मुद्दा है, लेकिन राहुल, अखिलेश और मायावती इस पर महिलाओं से कोई राय नहीं लेंगे, क्योंकि उन पर तुष्टीकरण की राजनीति हावी है.

ट्रिपल तलाक को एक शोषणकारी प्रावधान बताते हुए प्रसाद ने कहा कि यह सवाल किसी ईमान या धर्म का नहीं बल्कि नारी न्याय, नारी समानता और नारी सम्मान का है। कोई भी कुप्रथा किसी आस्था का हिस्सा नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि दुनिया के 20 इस्लामी देश ट्रिपल तलाक की प्रथा को समाप्त कर चुके हैं वहां इसे शरीयत में दखलंदाजी नहीं माना गया. ऐसे में भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में इस रिवाज को खत्म किया जाना शरीयत के खिलाफ कैसे हो सकता है।

गौरतलब है कि बीजेपी ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर मुस्लिम महिलाओं से सहानुभूति की अपेक्षा कर रही है इसी कारण पिछले साल अपने भाषण में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रत्यक्ष रूप से इस मुद्दे का जिक्र किया था. बीजेपी को उम्मीद है कि वह इस प्रकार के हथकंडे अपनाकर मुस्लिम महिलाओं का वोट पाने में सफल हो सकती है. यही कारण है कि इस मुद्दे को बीजेपी प्रदेश के मुस्लिम बहुल इलाकों में ले जा रही है. हालांकि इसका नुकसान भी हो सकता है।

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