नियमित करेंगे योग तो हमेशा रहेंगे निरोग

जीवनशैलीबदलती जीवनशैली से मानव शरीर रोजाना नई नई बीमारियों का शिकार होता जा रहा है और इन बीमारियों में कुछ ऐसी भी होती हैं। जिनका उपचार मिल पाना संभव नहीं होता और अगर दवाइयों से इलाज हो भी जाय तो वह लंबे समय तक नहीं रहता है। ऐसे में योग एक ऐसा रामबाण इलाज है जिसको नियमित करने से  सेहत संवारने में थोड़ा वक्त जरूर लगता है लेकिन बीमारी जड़ से खत्म हो जाती है। ऐसी बीमारियां जो आम हो चुकी हैं उनको चंद आसन ही ठीक कर सकते हैं। योग में ऐसे आसन भी हैं जिनसे रोग जिस्म पर सवार होने की हिम्मत नहीं कर सकता। योग विशेषज्ञ मीना सोंधी कहती हैं कि आसनों का असर इतना है कि दवाओं का सहारा लेने की जरूरत ही नहीं पड़ती।

सेहत की राह बनानी है आसान तो रखे इन 10 शीर्ष आसनों का ध्यान

अनुलोम-विलोम

सांस संबंधी दिक्कत, ब्लड प्रेशर और शुगर कंट्रोल में कारगर है। सभी कर सकते हैं।

सूर्य नमस्कार

बच्चों के विकास, खासतौर पर लंबाई बढ़ाने और आंखों की रोशनी ठीक रखने को सूर्य नमस्कार बेहद जरूरी है।
कपालभाति

हर उम्र के स्त्री-पुरुष के लिए लाभकारी हैं। इससे फेफड़ों और नर्वस सिस्टम ठीक रहते हैं।

सूक्ष्म आसन

चालीस की उम्र पार कर चुकी महिलाओं में खानपान की अनियमितता आदि से कैल्शियम की कमी हो जाती है। इसका नतीजा यह है कि घुटनों में दर्द और स्पांडलाइटिस की तकलीफ परेशान करने लगती है। इस आसन को करने से काफी लाभ होता है।

भ्रामरी प्राणायाम

मानसिक दबाव, एंजायटी और डिप्रेशन को दूर किया जा सकता है। सभी के लिए लाभकारी है।
शीतली प्राणायाम

गर्मी के दिनों में शीतली प्राणायाम करने से एसिडिटी समेत पेट संबंधी दिक्कतें नहीं रहतीं। यह आसन बुजुर्गो को विशेष तौर पर अपनाना चाहिए।
तितली आसन

महिलाओं में गर्भाशय संबंधी समस्या और मांसपेशियों में खिंचाव इस आसन से दूर हो जाते हैं। नियमित आसन करने से इस समस्या से निजात पाई जा सकती है।

वृक्ष आसन, सर्वाग आसन

इस आसन से शिक्षा और रोजगार संकट के चलते डिप्रेशन में आ रहे युवाओं को भी लाभ मिल सकता है। शारीरिक तौर पर सुगठित होने के लिए यह आसन अच्छे हैं।

ताड़ आसन-चक्र आसन

एकाग्रता के साथ साथ हृदय के लिए यह आसन हर किसी के लिए फायदेमंद हैं।

हल आसन

इस आसन से दिमाग में स्फूर्ति के साथ-साथ शारीरिक चुस्ती भी बनी रहती है।

 

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