यूं तो रोज़ा इफ्तार पूरी तरह से धर्म का मसला है, लेकिन इस वक्त बिहार में इफ्तार धर्म से ज्यादा सियासत का मसला बन गया है. यूपी, बिहार, दिल्ली, जहां देखिए सियासतदां इफ्तार पार्टियों का आयोजन करते हुए नज़र आ जाते हैं. ऐसी इफ्तार पार्टियों में नेताओं की मौजूदगी और गैर मौजूदगी टीवी चैनलों और अखबारों की सुर्खियां बन जाती हैं. लेकिन ऐसी इफ्तार पार्टियों में खबरें बनने की शुरुआत भी बिहार के ही एक नेता ने की थी.
बता दें की उस नेता का नाम है तारिक अनवर. वो दौर 80 के दशक का था, जब तारिक अनवर युवक कांग्रेस के अध्यक्ष थे. सरकार इंदिरा गांधी की थी और उसी दौर में तारिक अनवर ने दिल्ली में इफ्तार पार्टियों का आयोजन शुरू किया था.
जहां उससे पहले यूपी के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हेमवंती नंदन बहुगुणा सरकारी खर्चे पर लखनऊ में इफ्तार पार्टियों का आयोजन शुरू कर चुके थे.
देखा जाये तो तो वो कांग्रेस के चलन में आया था और न ही वो इफ्तार अखबारों की सुर्खियां बनता था.ये इफ्तार पार्टी 2015 में सोनिया गांधी की ओर से दी गई थी, जिसमें बीजेपी के अलग हुए नीतीश कुमार सोनिया गांधी के साथ बैठे दिखे थे.