गिरफ़्तारी के डर से विदेश भागे जस्टिस कर्णन, राष्ट्रपति बुलाएं तभी आएंगे वापस

जस्टिस कर्णननई दिल्ली। कलकत्ता हाई कोर्ट के जज जस्टिस सी.एस.कर्णन को जब से सुप्रीम कोर्ट की अवमानना मामले में छह महीने जेल की सजा सुनाई गई हैं, तब से उनका कोई अता-पता नहीं हैं। लेकिन कर्णन के वकील ने दावा किया है की वह विदेश जा चुके है। जिसके बाद से ऐसा कहा जा रहा है कि जल्द ही जस्टिस कर्णन सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती पेश कर सकते हैं।

जस्टिस कर्णन के कानूनी सलाहकार डब्ल्यू पीटर रमेश कुमार ने उनके नेपाल या फिर बांग्लादेश भाग जाने के संकेत दिए है।

उन्होंने कहा कि जस्टिस कर्णन संभवत तभी भारत लौटेंगे, जब राष्ट्रपति उन्हें मुलाकात का समय दें।

बता दें कि कर्णन को भारत के चीफ जस्टिस समेत सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के मामले में अवमानना का दोषी ठहराया गया है।

पुलिस को भी है तलाश

पश्चिम बंगाल पुलिस भी कर्णन की तलाश में चेन्नै पहुंच चुकी है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक कर्णन राज्य के गेस्ट हाउस से आंध्र प्रदेश के श्रीकालाहस्ती स्थित शिव मंदिर के लिए निकले थे। लेकिन मंदिर के कर्मचारी ने बताया कि जस्टिस का कोई अता-पता नहीं है। वो तो मंदिर आए ही नहीं।

गेस्ट हाउस का बिल बकाया

कोलकाता के अपने घर से निकलने के बाद जस्टिस कर्णन मंगलवार को चेन्नै गेस्ट हाउस पहुंचे थे। फिर उन्होंने कब कमरा छोड़ दिया इसकी पुष्टि नहीं हुई जिस कारण आधिकारिक तौर पर उनका बिल अभी बकाया है।

साथ ही कर्णन के साथ आए दो अन्य वकीलों को भी गेस्ट हाउस में उनके कमरे खाली करने के लिए कहा जा चूका है।

गौरतलब है की सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पुलिस के महानिदेशक को आदेश दिया था की वह जस्टिस कर्णन की गिरफ्तारी के लिए एक टीम गठित करे। साथ ही मीडिया को भी हिदायत दी थी कि वह भी जस्टिस कर्णन की किसी टिप्पणी को प्रकाशित न करे।

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