चीन ने दिया बड़ा बयान कहा- कैसे भी हों दुनिया के हालात, पाकिस्तान का देंगे साथ…

चीन हमेशा पाकिस्तान के मुख्य हितों के पक्ष में खड़ा रहेगा और इसके ऊपर इन चीजों का कोई फर्क नहीं पड़ता है कि अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य किस तरह से बदलता है. पाकिस्तान की यात्रा पर पहुंचे चीन के उप-राष्ट्रपति वांग छीशान ने यह बात कही. वांग ने पाकिस्तान-चीन संस्थान द्वारा आयोजित एक बैठक में कहा कि विश्व ऐसे समय से गुजर रहा है जब प्रमुख बदलाव एवं घटनाएं हो रही हैं.

पाकिस्तान

उन्होंने कहा कि पारंपरिक एवं गैर-पारंपरिक चुनौतियों तथा अलग विचारों एवं संस्कृतियों के बीच संघर्ष से परिस्थिति और जटिल हो गई हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, वांग ने कहा, ‘इससे फर्क नहीं पड़ता कि अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य कैसे बदलता है, चीन हमेशा पाकिस्तान के मुख्य हितों के पक्ष में खड़ा रहेगा. चीन और पाकिस्तान दोनों ने समानता एवं द्विपक्षीय लाभ के आधार पर सही निर्णय चुना है.

 

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बता दें की इसके पहले नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को बचाने के लिए मार्च महीने में उसका सदाबहार दोस्त चीन सामने आया था. चीन से पाकिस्तान को करीब दो अरब डॉलर का कर्ज मिला है. इस तरह खस्ताहाल हो चुका पाकिस्तान अब चीन के कर्ज जाल में फंसता जा रहा है.

चीन के प्रधानमंत्री ली केक्य‍िांग और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच नवंबर 2018 में बीजिंग में हुई मुलाकात के बाद चीन ने कहा था कि वह पाकिस्तान को उसके वित्तीय संकट से बाहर निकालने के लिए मदद करना चाहता है. लेकिन यह किस तरह से हो इस पर विचार हो रहा है.

देखा अजय तो उप-राष्ट्रपति वांग छीशान  ने कहा कि सिल्क रोड की भावना दोनों देशों को समान विरासत एवं इतिहास से जोड़ती है. वांग ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गालियारे की सफलता की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि इस परियोजना का दूसरा चरण चीन और पाकिस्तान दोनों को अधिक फायदा पहुंचाएगा.  उन्होंने कहा, ‘पिछले पांच साल में सीपीईसी ने काफी तरक्की की है. सीपीईसी तेजी से औद्योगिक पार्क और जीवनयापन समेत नये प्राथमिकता क्षेत्रों में फैल रहा है.’

गौरतलब है कि साल 2015 में चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) का ऐलान हुआ था तो तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इसे देश के लिए ‘गेमचेंजर’ बताया था. सीपीईसी परियोजना 15 साल (2015-30) के लिए बनाई गई थी जिसमें मूलभूत ढांचा व बिजली से जुड़ी तमाम योजनाएं शामिल हैं.

2018 तक 22 परियोजनाओं पर 18 अरब डॉलर खर्च हो चुके हैं जिनमें से 10 पूरी हो चुकी हैं. इन 10 परियोजनाओं में से सात बिजली और तीन सड़क निर्माण से जुड़ीं योजनाएं शामिल हैं.

दरअसल पाकिस्तान के भीतर चीन की महत्वाकांक्षी योजना चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) को लेकर भारी असंतोष भी पनप रहा है. चीन की सीपीईसी परियोजना पाकिस्तान के अलगाववादियों के निशाने पर आ गई है. हाल में इस योजना को निशाना बनाते हुए कई आत्मघाती हमलों को अंजाम दिया गया.

 

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