गृहमंत्री अमित शाह ने किया गुपकार गठबंधन पर जोरदार प्रहार, पूछा क्या कश्मीर में विदेशी दखल चाहता है यह गैंग?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुपकार से जुडीं पार्टियों पर हमला बोला है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि गुपकार गैंग वैश्विक बनता जा रहा है। उन्होंने गुपकार गैंग पर तिरंगे का अपमान करने का आरोप लगाया। गृह मंत्री अमित शाह ने दुनिया और राहुल गाँधी पर निशाना साधते हुए पूछा है कि क्या वे इस गैंग का समर्थन करते हैं। अमित शाह ने इस गैंग पर जम्मू कश्मीर को आतंक और अशांति के युग में वापस ले जाने का भी आरोप लगाया।

गुपकार गठबंधन पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने जोरदार प्रहार करते हुए कहा कि गुपकार गैंग कश्मीर में विदेशी ताकतों का दखल चाहता हैं। केंद्रीय मंत्री ने गुपकार को गैंग बताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी से सीधा सवाल पूछते हुए कहा कि क्या वे इस गैंग का समर्थन करते हैं।

गृह मंत्री ने ट्वीट कर कहा, गुपकार गैंग ग्लोबल हो रहा है। वे चाहते हैं कि विदेशी सेना जम्मू और कश्मीर में हस्तक्षेप करे। गुपकार गैंग भारत के तिरंगे का भी अपमान करता है। क्या सोनिया जी और राहुल जी गुपकार गैंग की ऐसी चालों का समर्थन करते है? उन्हें भारत के लोगों को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।’

गृहमंत्री ने एक और ट्वीट में कहा, ‘कांग्रेस और गुपकार गैंग जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद और अशांति के पुराने दौर में वापस ले जाना चाहते हैं। वे अनुच्छेद 370 को हटाकर दलितों, महिलाओं, और आदिवासियों के अधिकारों को छीनना चाहते हैं। यही कारण है कि उन्हें हर जगह लोगों द्वारा स्वीकार नहीं किया जा रहा हैं।’

उन्होंने कहा, जम्मू और कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा। भारतीय लोग अब हमारे राष्ट्रीय हित के खिलाफ अपवित्र ग्लोबल गठबंधन को बर्दास्त नहीं करेंगे या तो गुपकार गैंग राष्ट्रिय भावना के साथ चले या फिर लोग इसे डुबों देंगे।’

उल्लेखनीय है कि चार अगस्त 2019 को फारूक अब्दुल्ला के गुपकार स्थित आवास पर एक सर्वदलीय बैठक हुई थी। यहां एक प्रस्ताव जारी किया गया था, जिसे गुपकार समझौता कहा गया। इसके तहत पार्टियों ने निर्णय किया कि वे जम्मू कश्मीर की पहचान, स्वायत्तता और उसके विशेष दर्जे को बनाये रखने के लिए सामूहिक रूप से प्रयास करेंगे।

गुपकार समझौते के तहत कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर की पहचान, स्वायत्तता और विशेष दर्जे की रक्षा और बचाव के लिए हम सभी नेता प्रतिबद्ध हैं। नेताओं ने यह भी कहा था कि राज्य का बटंवारा कश्मीर और लद्दाख के लोगों के खिलाफ जुल्म है। 370 समाप्त करने के फैसले को इन नेताओं ने असंवैधानिक करार दिया था।

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