गजब हैं MP के यह मास्टर जी, 36 लाख की सैलरी लेकर यूं बनाई करोड़ों की संपत्ति

आंखे फटी की फटी रह गई जब मध्यप्रदेश के एक माध्यमिक स्कूल के शिक्षक के पास से सवा पांच करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई। यह हैरान कर देने वाला खुलासा लोकायुक्त भोपाल की दस सदस्यीय टीम की जांच में हुआ है। बता दें कि बीते दिन यानी मंगलवार को यह जांच की गई थी जिसमें जांच कर रही टीम के हाथ धनकुबेर का खजाना लगा। प्राथमिक स्कूल के शिक्षक पंकज रामजन्म श्रीवास्तव के कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर जांच कर रही टीम ने काफी धनराशि का खुलासा किया।

बात काफी गजब है कि इस करोड़ों की संपत्ती का मालिक वो है जिसने अपने पूरे जीवन में मात्र 36 लाख की कमाई की है। प्राथमिक शिक्षक करे ठिकानों में भोपाल का मिनाल रेसीडेंसी स्थित मकान नंबर डी 413 और सारणी-बगडोना में एमजीएम कॉलोनी के घर शामिल हैं। इन छापेमारी से पंकज की बैतूल, छिंदवाड़ा, भोपाल और नागपुर में 24 से ज्यादा प्रॉपर्टी की जानकारी मिली है। जिसमें समरधा में प्लॉट, पिपरिया जाहिरपीर में एक एकड़ भूमि, छिंदवाड़ा में छह एकड़ भूमि, बैतूल में आठ आवासीय प्लॉट, बगडोना में छह दुकान और दस अलग-अलग गांवों में कुल 25 एकड़ की कृषि भूमि शामिल है। 

अब आप जान लीजिए की पंकज घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के रेंगाढाना में स्थित एक प्राथमिक स्कूल के शिक्षक हैं। माना की वह एक सरकारी कर्मचारी हैं लेकिन जितनी संपत्ती उन्होंने जुटा कर रखी है वह किसी उद्योगपति की दौलत से कम नहीं है। पंकज के खिलाफ आय से ज्यादा संपत्ति और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल पंकज की संपत्ति को लेकर अभी जांच की जा रही है।

अब सवाल यह उठता है कि आखिर पंकज ने इतनी रकम व संपत्ति किस तरह से इकट्ठा की है? तो आपको बता दें कि टीम की ओर से की गई छापेमारी के दैरान पता लगा है कि पंकज क्षेत्र के जरूरतमंद लोगों को ऊंची ब्याज दर पर कर्जा देता था और उनकी संपत्ति को गिरवी रखता था। अगर कर्जदार उसका लिया हुआ पैसा वापस नहीं कर पाते तो वह उसका फायदा उठा मजबूरों की सम्पत्ती अपने नाम करा लिया करता। मामले को लेकर लोकायुक्त अधिकारी डॉक्टर सलिल शर्मा का कहना है कि पंकज ने 1998 में शिक्षा विभाग में 2,256 रुपये के वेतन पर नौकरी ज्वाइन की थी। मौजूदा समय में पंकज का वेतन करीब 40,000 रुपये प्रति महीना है। लोकायुक्त अधिकारी ने बताया कि 23 साल की नौकरी में पंकज को सिर्फ 36 लाख 50 हजार रुपये का वेतन मिला है जो कि उसकी संपत्ती के अनुसार काफी कम है। अब कैसे एक प्रथमिक शिक्षक ने करोड़ों की संपत्ती बना ली यह एक सोचने व जांच करने का विषय है।

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