कृषि कानूनों के खिलाफ जंतर मंतर पंहुचा 200 किसानों का जत्था

कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन का नया पड़ाव गुरुवार को शुरू हुआ। संसद के मानसून सत्र के दौरान केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए गुरुवार सुबह सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर से बसों में भरकर 200 किसानों का एक समूह गुरुवार को मध्य दिल्ली के जंतर मंतर पर पहुंचा। किसान संगठनों के मुताबिक, जबतक संसद का मॉनसून सत्र जारी रहेगा वह हर रोज़ यहां पर ऐसी किसान संसद लगाएंगे।

दिल्ली सरकार और पुलिस ने बुधवार को सिर्फ 200 किसानों को जंतर मंतर पर आज से 9 अगस्त तक सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक किसान संसद आयोजित करने की अनुमति देने पर सहमति जताई।

जंतर-मंतर पहुंचने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम यहां पर अपनी आवाज़ उठाएंगे, विपक्ष को सदन के अंदर हमारी आवाज़ बनना चाहिए। उन्होंने बताया, किसान संसद में तीन स्पीकर, तीन डिप्टी स्पीकर बनाए गए हैं। हर किसी को 90 मिनट का वक्त मिला है, एक स्पीकर के साथ एक डिप्टी मौजूद रहेगा।

प्रदर्शनकारियों के साथ मौजूद योगेंद्र यादव ने कहा कि पुलिस द्वारा एक बार फिर बसों की चेकिंग की जा रही है, जिसकी वजह से किसानों को जंतर-मंतर पहुंचने में देरी हुई है। अन्य किसान नेताओं ने कहा कि दिल्ली पुलिस और सरकार बार-बार अपने वादे से मुकर रही है और किसानों को रास्ते में परेशान कर रही है।

वही दूसरी ओर जारी किसानों की संसद में पंजाबी फिल्म अभिनेत्री सोनिया मान भी पहुंचीं, उन्होंने कहा कि हमारी मुहिम सरकार तक अपनी आवाज़ पहुंचाना है, संसद से लेकर सड़क तक ये लड़ाई जारी रहेगी।

किसानों के प्रदर्शन के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम किसानों के साथ बातचीत करने को तैयार हैं, हम पहले भी बात करते रहे हैं। मोदी सरकार किसान हितेषी है।

बता दे, पुलिस ने मध्य दिल्ली के चारों ओर सुरक्षा का घेरा फेंका और वाहनों की आवाजाही पर कड़ी निगरानी रखी। साथ ही पीटीआई ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को एक शपथ पत्र देने के लिए कहा गया है कि सभी कोविड मानदंडों का पालन किया जाएगा और विरोध शांतिपूर्ण होगा।

राष्ट्रीय राजधानी में 26 जनवरी को एक ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद यह पहली बार है जब अधिकारियों ने शहर में विरोध प्रदर्शन करने वाले किसान संघों को अनुमति दी है।

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