कामयाबी की मिसाल वसुंधरा राजे, राजस्थान में लाखों महिलाओं की हैं प्रेरणा
नई दिल्ली। राजस्थान जैसे प्रदेश में जहां महिलाएं चूल्हा-चौकर और घूंघट से बाहर नहीं निकल पातीं, वहां पर वसुंधरा राजे की कामयाबी ने लाखों महिलाओं के सपनों को उड़ान दी और आज वे उनके लिए रोल मॉडल बनकर उभरी हैं। उनकी सफलता की कहानी संघर्ष भरी है, लेकिन जनता के भरोसे ने उन्हें लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचाया है।
वसुंधरा राजे एक ऐसी महिला हैं जिन्हें दो बार राजस्थान का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। उनका जन्म भी महिला दिवस के दिन हुआ और वो देश की महिलाओं के लिए सशक्तीकरण की मिसाल बनकर उभरीं।
सुराज संकल्प रथ पर हुईं थीं सवार
साल 2013 में सुराज संकल्प रथ पर सवार होकर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जब प्रदेश के दौरे पर निकलीं तो उनकी झलक पाने जन सैलाब उमड़ पड़ा था। पूरे प्रदेश के दौरे में राजे जहां भी गईं वहां लोगों ने उनके स्वागत सत्कार में कोई कमी नहीं छोड़ी। हजारों की भीड़ उनका घंटों इंतजार करती रही। उनके प्रचार की सुनामी ने कांग्रेसी खेमे में खलबली मचा दी थी और चुनाव के बाद जब नतीजे आए तो बीजेपी के खाते में 163 सीटें थीं।
चारों खाने चित्त हुई थी कांग्रेस
सीएम राजे के सामने कांग्रेस चारों खाने चित्त हो चुकी थीं। राजे की आंधी में अशोक गहलोत को छोड़ लगभग सभी नेता बुरी तरह से चुनाव हार गए थे। कांग्रेस आज तक उस सदमे से उबर नहीं पाई है। सीएम बनने के बाद राजे का क्रेज जनता जनार्दन के बीच लगातार बढ़ता गया। क्या किसान, क्या मजदूर, क्या व्यापारी, क्या खिलाड़ी और क्या कर्मचारी सब उनकी कार्यशैली से बेहद प्रभावित हैं।
2003 में निकाली थी परिवर्तन यात्रा
2003 के विधानसभा चुनाव से पहले जब उन्होंने परिवर्तन यात्रा निकाली। तब से लेकर आज तक वसुंधरा राजे का जलवा बरकरार है। उनकी आधुनिक सोच युवाओं को खूब पसंद है। सामाजिक समरसता उनकी ताकत है और प्रदेश का चहुंमुखी विकास उनका सपना जो अब हकीकत में बदल रहा है। सबका साथ सबका विकास उनकी सोच है।
महिला दिवस की दी बधाई
वहीं सीएम राजे ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रदेश की सभी महिलाओं को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। राजे ने अपने संदेश में कहा कि आज देश और दुनिया में महिलाएं अपने अद्भुत आत्मबल, दृढ़ इच्छा-शक्ति और संकल्प के साथ हर क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बना रही हैं। यह दिवस सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीति सहित सभी क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी के प्रति सम्मान को अभिव्यक्त करने और आत्मगौरव का प्रतीक है।
महिलाओं को सशक्त बनाया जाए
उन्होंने कहा कि सही मायने में संतुलित विकास तभी संभव है, जब समानता के साथ महिलाओं को और अधिक सशक्त बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में महिला सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध है। भामाशाह और राजश्री जैसी योजनाएं इसका उदाहरण हैं। लैंगिक समानता, हिंसा-मुक्त वातावरण और महिला शिक्षा को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकताओं में है। राजे ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों का आह्वान किया कि वे महिलाओं के उत्थान और सशक्तीकरण के लिए आगे आएं।