कश्मीर के अलगाववादियों के बुरे दिन शुरू, पीएम मोदी ने बंद किया दाना पानी

कश्मीरश्रीनगर। जम्‍मू कश्मीर में आजादी के नाम पर युवाओं को गलत रास्‍ते पर ले जाने वाले अलगाववादी नेताओं को अब मोदी सरकार ने सबक सिखाने की ठान ली है। मोदी सरकार ने अलगाववादियों की सभी सुविधाएं बंद करने के निर्देश दे दिए हैं।

कश्मीर में अलगाववादियों पर कार्रवाई

मोदी सरकार ने अलगाववादी नेताओं को अब हवाई टिकट, कश्‍मीर से बाहर जाने पर होटल और वाहन की सुविधाएं देने पर पाबंदी भी लगाने की तैयारी में है। पीएम मोदी ने केंद्र सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाएं बंद करने का निर्णय ले लिया है जबकि रियासत सरकार से मिलने वाली सुविधाओं को बंद करने के लिए केंद्र ने सलाह भी दी है।

अलगाववादियों की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को वापस लेने का फैसला रियासत सरकार को लेना है। वर्तमान में इन लोगों की सुरक्षा में 950 पुलिसकर्मी तैनात हैं। रियासत सरकार के सूत्रों के मुताबिक अलगाववादियों पर हो रहे खर्च का कुछ हिस्सा केंद्र उठाता रहा है। वहीं अब मोदी सरकार इसे जारी रखने के पक्ष में नहीं है। रियासत सरकार कुल खर्च का लगभग दस प्रतिशत उठाती है।

आपको बता दें कि अलगाववादियों और कुछ आतंकी संगठनों में भी कई मुद्दों पर मतभेद है। इस कारण कुछ अलगाववादियों को सुरक्षा दी गई है। इसकी वापसी के संबंध में भी राजनीतिक स्तर पर फैसला लिया जा सकता है।

सूत्रों के मुताबिक अलगाववादियों पर केंद्र और रियासत की ओर से हर साल लगभग 100 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं। यह खर्च केंद्र और रियासत सरकार द्वारा उठाया जाता रहा है। दरअसल कश्मीर में शांति प्रयासों के तहत केंद्र सरकार ने अलगाववादियों को अलग-थलग करने की रणनीति बनाई है। इसके तहत कश्मीर के सिविल सोसाइटी और प्रमुख सियासी दलों से सर्वदलीय समिति बातचीत करेगी।

इसमें उदारवादी अलगाववादियों को तभी शामिल किया जाएगा जब वे जम्हूरियत, इंसानियत और कश्मीरियत के अटल सिद्धांत पर विश्वास रखते हैं। इसी सिद्धांत पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने अलगाववादियों से बातचीत शुरू की थी। गिलानी को संविधान के दायरे में बातचीत मंजूर नहीं है।

वहीं अब मोदी सरकार ने गिलानी को तरजीह नहीं देने की रणनीति पर काम शुरू किया है। इसके तहत गिलानी के बेटे से पूछताछ की तैयारी है। एनआईए ने अलगाववादियों के गिलानी गुट के मोहम्मद अशरफ सेहरई और पीर सैफुल्लाह से पूछताछ की है।

पहले चरण में छह और लोगों से पूछताछ होगी। केंद्र अलगाववादियों को चारों ओर से घेरकर विवश करने की रणनीति पर चल रहा है। इसके तहत विदेशी फंडिंग पर ब्रेक लगाकार मुकदमे चलाए जाएंगे और देश के अंदर मिलने वाली सुविधाएं भी बंद कर दी जाएंगी।

LIVE TV