ओलिंपिक का न होना,IOC और जापान को अधिक महंगा पड़ेगा…
कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके ओलिंपिक खेलों को जापान और अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समीति ने मिलकर अगले साल तक के लिए स्थगित करने का फैसला किया था. जहां यह खबर इन खेलों के लिए मेहनत कर रहे खिलाड़ियों के लिए राहत लाई वहीं इसने आईओसी (IOC) और जापान (Japan) की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. समय पर खेलों का आयोजन न हो पाने के कारण जापान और आईओसी दोनों को ही काफी नुकसान होगा. यही नहीं आने वाले समय में दोबारा इसका आयोजन करने के लिए भी दोनों पर अतिरिक्त भार आएगा. आपको बता दें कि पहले टोक्यो ओलिंपिक इस साल 24 जुलाई से नौ अगस्त से खेले जाने थे लेकिन अब इस अगले साल आयोजित किया जाएगा।
छह अरब से ज्यादा बढ़ेगा खर्च
अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (आईओसी) के अध्यक्ष थॉमस बाक ने कहा कि टोक्यो खेलों के स्थगित होने के कारण इन खेलों में आईओसी की लागत ‘कई करोड़ डॉलर’ बढ़ जाएगी. बाक ने जर्मनी के अखबार डेइ वेल्ट को बताया कि जापान में अनुमानों के मुताबिक ओलिंपिक के स्थगन के कारण इसकी कुल लागत दो से छह अरब डॉलर बढ़ जाएगी. इस संबंध में 2013 के समझौते के अनुसार आईओसी (IOC) के हिस्से को छोड़कर सभी अतिरिक्त लागतों को जापान के द्वारा पूरा किया जाएगा. बाक ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण आईओसी को कितना नुकसान हुआ है अभी इसका ‘आकलन करना लगभग नामुमकिन’ है।
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उन्होंने कहा, ‘हमने प्रधानमंत्री के साथ सहमति व्यक्त की, कि जापान 2020 के लिए समझौते की शर्तों के तहत बढ़ी लागत को पूरा करेगा जबकि आईओसी अपनी लागतों के लिए जिम्मेदार होगा।
उन्होंने कहा, ‘इतना साफ है कि आईओसी को भी कई करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने होंगे.’ कोविड-19 महामारी के दुनियाभर में फैलने के कारण टोक्यो ओलिंपिक को एक साल के लिए स्थगित कर दिया गया है।
अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक कमेटी ने टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुके एथलीट पर बयान दिया. क्वालिफाई कर चुके एथलीट को दोबारा कोटा हासिल करने की जरूरत नहीं होगी और उनके कोटा सुरक्षित रहेंगे।