घर बैठे चढ़ गए एवरेस्ट लेकिन अब लगा बैन
नई दिल्ली। पर्वतारोहियों के एवरेस्ट फतह करने की खबरें तो आपने कई बार सुनी होंगी। लेकिन महाराष्ट्र पुलिस में कार्यरत कांस्टेबल दंपति ने ऐसा कारनामा किया है कि खुद नेपाल सरकार भी हैरान रह गयी।
महाराष्ट्र पुलिस में कांस्टेबल दिनेश और उनकी पत्नी तारकेश्वरी राठौर ने 23 मई को दावा किया था कि उन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर पहुंचने में कामयाबी पाई है। अपने इस झूठ को सच साबित करने के लिए इन दोनों ने एवरेस्ट पर अपनी फोटो भी जारी की थी।
नेपाल के पर्यटन मंत्री ने इन दोनों को एवरेस्ट फतह करने का सर्टीफिकेट जारी कर दिया था। लेकिन इन दोनों के साथी पर्वतारोहियों ने इस दावे पर सवाल उठाया था। उनका कहना था कि पुणे के इन दोनों पुलिस कांस्टेबलों ने फोटो के साथ कुछ छेड़छाड़ की है।
कोलकाता के पर्वतारोही सत्यरूप का आरोप था कि राठौड़ दंपति ने एवरेस्ट पर खींची गई उनकी फोटो से छेड़छाड़ की। बताया जा रहा है कि दंपति ने एवरेस्ट पर खड़े सत्यरूप की फोटो क्रॉप करके अपनी फोटो लगा दी। लेकिन बाद में जांच में यह मामला खुल गया।
इसके बाद साफ हो गया कि ये दोनों एवरेस्ट पर चढ़ाई करने तो गए थे, लेकिन असल में चढ़े नहीं थे। नेपाल के पर्यटन विभाग ने जब इस मामले की जांच की तो फर्जीवाड़ा सामने आया।
नेपाल के पर्यटन विभाग के प्रमुख सुदर्शन प्रसाद ढाकल ने बताया कि हमारी जांच में पता चला है कि राठौर दंपति ने एवरेस्ट सम्मेलन में फर्जीवाड़ा किया है। इसलिए उनका सर्टीफिकेट रद किया जाता है और उन पर नेपाल में कोई भी पहाड़ चढ़ने पर दस साल का प्रतिबंध लगाया जाता है।
विभाग ने बताया कि इस मामले में उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया था लेकिन उन्होंने जांच में कोई सहयोग नहीं किया। इस प्रतिबंध को अन्य पर्वतारोहियों के लिए चेतावनी के तौर पर लागू किया गया है।