एक साल में पुलिस कस्टडी में 113 मौतें, ज्यूडीशियल कस्टडी में 1584 लोगों की मौत, चौंका देगी आपको ये रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के कासगंज में पुलिस कस्टडी में 22 साल के अल्ताफ की मौत के बाद पुलिस के रवैये पर सवाल उठ रहे हैं। इस घटना पर राजनीति भी शुरू हो गई है। पुलिस कस्टडी में मौत का ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी पुलिस हिरासत में कई मौतें हो चुकी है। ऐसे में सभी के मन में सवाल उठ रहे हैं कि देश में वर्तमान में पुलिस कस्टडी और ज्यूडिशियल कस्टडी में हुई मौतों की क्या स्थिति है । सरकारी को आंकड़ों देखा जाए तो केवल एक साल में पुलिस कस्टडी में 113 मौते हुई हैं। जबकि ज्यूडीशियल कस्टडी में 1584 लोगों की मौत हुई है। यह मौतें अप्रैल 2019-मार्च 2020 के दौरान हुईं।

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पुलिस कस्टडी में कितनी हुईं मौतें-

15 सितंबर 2020 को गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी द्वारा लोक सभा में दी गई जानकारी के अनुसार अप्रैल 2019-मार्च 2020 के दौरान, पुलिस कस्टडी में सबसे ज्यादा मौतें मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और गुजरात में हुई है। उनके अनुसार मध्य प्रदेश में 14, तमिलनाडु और गुजरात में 12 लोगों की मौतें हुईं है। इसके बाद दिल्ली में 9, पश्चिम बंगाल में 7, ओडीशा, पंजाब में 6, राजस्थान में 5 , बिहार में 5 मौतें हुईं है। इसी तरह कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश में 4-4 मौतें, जबकि उत्तर प्रदेश , हरियाणा, महाराष्ट्र, छत्सीगढ़ में 3-3 मौतें हुई हैं।

इसके अलावा ज्यूडीशियल कस्टडी के दौरान यूपी में सबसे ज्यादा 400 लोगों की मौत हुई है। वहीं मध्य प्रदेश में 143 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद पश्चिम बंगाल में 113, बिहार में 105, पंजाब में 93, महाराष्ट्र में 91 लोगों की मौतें हुई हैं। पूरे साल में ज्यूडीशियल कस्टडी में 1584 लोगों की मौत हुई है।

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