आम के शौकीन लोगों के लिए बुरी ख़बर, आंधी-तूफान पहुंचा रहे आम की फ़सल को बड़ा नुकसान

रिपोर्ट:-कपिल सिंह\बुलंदशहर

जहां भीषण गर्मी ने देशभर में लोगों का जीना मुहाल कर रखा है, तो वहीं अब आम के शौकीन लोगों के लिए बुरी ख़बर है.दरअसल पश्चिमी यूपी में बार-बार आई तेज़ धूल भरी आंधी-तूफान ने आम की फ़सल को काफ़ी हद तक नष्ट कर दिया है। जिससे आम की पैदावार करने वाला किसान तो दुःखी है ही, साथ ही इसका असर बाजारों में भी देखा जाएगा।

आम की फसल को नुकसान

बुलंदशहर, दिल्ली एनसीआर का हिस्सा कहा जाने वाला वो शहर, जहां सबसे ज़्यादा आम की पैदावार होती है, यहां ना सिर्फ एनएच 91 के किनारे, बल्कि जनपद के हर इलाक़े में बड़े बड़े आम के बाग देखे जाते हैं। हमारी टीम आम की फसलों का हाल जानने के लिए बुलंदशहर में स्तिथ उन आम के बागों में पहुंची जहां कई नस्लों के आम की भरपूर पैदावार होती है, और यहां पैदा होने वाला है देश और दुनिया में भेजा जाता है।

आपको बता दें, कि बुलंदशहर में 5 प्रकार के आम की, ज़्यादा पैदावार है, जिसमे दशहरी, लंगड़ा, चौंसा, बम्बई, और रटौल आम शामिल हैं।

इनमें सबसे अव्वल आम, दशहरी आम माना जाता है।

वैसे तो ये आम दिल्ली के मेन बाज़ार यानि आजादपुर मंडी पहुंचाया जाता है, लेकिन उसके साथ साथ, आगरा मुंबई समेत देश विदेश तक भी बुलंदशहर के ये पांचों प्रकार के आम पहुंचाए जाते हैं।

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लेकिन इस बार बीते अप्रैल माह तक रात को टेम्परेचर डाउन रहने, और बुलंदशहर में कई बार आई तेज़ आंधी ने ना सिर्फ काफ़ी हद तक आम की फसल को नष्ट कर दिया, बल्कि मौसम की ओर से होने वाली तल्ख़ मिजाज़ी की वजह से भी इस बार आम की फ़सल 15 से 30 दिन, यानि एक महीना तक लेट है।

दरसअल अगर पिछले एक दशक की बात की जाए तो 1 जून तक दशहरी, लंगड़ा, चौंसा, बम्बई, रटौल आम मार्किट में देखा जाने लगता था, लेकिन इस बार अभी तक भी ये आम, बाज़ार में नहीं पाए जा रहे हैं।

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