देश लाइन में, बुरहान के घर बरसेगा पैसा, रोकने के लिए बस एक हफ्ता बाकी

आतंकी बुरहान वानी के भाईनई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर सरकार हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के भाई समेत उन 17 लोगों के परिजनों को मुआवजा देने को मंजूरी दे दी है, जो आतंकी घटनाओं में मारे गए थे।

बीते साल गोलीबारी में आतंकी बुरहान वानी के भाई खालिद वानी की मौत हो गई थी। सेना ने बुरहान वानी के भाई खालिद की मौत पर कहा था कि वह हिज्बुल मुजाहिदीन से जुड़ा था और मुठभेड़ में मारा गया।

परिवार का कहना है कि वह निर्दोष था। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से 25 साल का खालिद राजनीति विज्ञान में एमए कर रहा था। इस मामले में पुलिस ने जांच भी की।

हालांकि अभी तक ये स्पष्ट नहीं है कि बुरहान के परिजनों ने मुआवजा स्वीकार किया है या नहीं। आदेश जारी करने से पहले आपत्ति दर्ज कराने के लिए हफ्ते भर का वक्त दिया गया है।

सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग इलाके में इसी साल 8 जुलाई को बुरहान वानी मारा गया था। इसके बाद से घाटी में प्रदर्शनों के चलते 86 लोगों की मौत हो गई थी। चार लाख रूपये का मुआवजा ऐसे मामलों में दिया जाता है।

ये राहत राशि केवल उन मामलों में दी जाती है, जहां मारा गया व्यक्ति आतंकवादी नहीं हो। बुरहान वानी के परिजनों को मुआवजा देने पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं। जानकार इसे सीधे तौर पर मुआवजे के नियमों का उल्लंघन बता रहे हैं।

इस सूची में शब्बीर अहमद मांगू का नाम भी शामिल है जो एक अनुबंधित लेक्चरर था। झड़प में 30 वर्षीय मांगू की मौत हो गई थी। सेना ने घटना की जांच का आदेश देते हुए कहा था कि ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सेना की उत्तरी कमान के तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हूडा ने कहा था, ऐसी छापेमारी को बिलकुल भी स्वीकार नहीं किया जाएगा। यह अनुचित है। इसका कोई भी समर्थन नहीं कर सकता और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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