आगरा: आखिर क्यों ‘घटिया आजम खां’ है इस इलाके का नाम? रोचक है इसके पीछे का इतिहास

आगरा अपने ऐतिहासिक शहरों व उसके नामकरण को लेकर देशभर में जाना जाता है। इन्हीं में से एक शहर ‘घटिया आजम खां’ के नाम से जाना जाता है। लेकिन इसका नाम सुनते ही लोगों के मन में पहला प्रश्न यही उठता है कि भला किसी शहर के नाम के साथ घटिया कैसे लगाया जा सकता है? किसी इलाके के नाम के साथ घटिया शब्द लगाने के पीछे कारण क्या हो सकता है? आज हम आप के इन्ही प्रश्नों का जवाब देंगे। दरअसल, इस शहर के नाम में लगा घटिया शब्द के बिगड़ा हुआ नाम है। बता दें कि पहले यह घाटी वाला इलाका था जहां से लोग घाटी से घटिया बोलने लग गए। वहीं इसके साथ आजम खां इस लिए जुड़ गया क्योंकि यहां एक जमाने में खान-ए-आजम रहा करते थे।

इसे लेकर इतिहासकार राज किशोर शर्मा राजे ने अपनी पुस्तक ‘तवारीख ए आगरा’ में इसका उल्लेख किया है। इस किताब में लिखी जानकारी के अनुसार मुगल बादशाह जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर का एक वजीर था मिर्जा अजीज कोका जिसे खान-ए-आजम की उपाधि दी गई थी। मुगल बादशाह के इस बजीर की हवेली इसी घाटी में बनी हुई थी जहां अकसर बरसात में पानी भर जाता था।

इस घाटी में पानी इतना भर जाता था की लोगों को आने-जाने के लिए नाव का इस्तेमाल करना पड़ता था। जब यहां आजम खां रहने लगे तो इसका नाम ‘घाटी खान-ए-आजम’ हुआ। फिर घाटी आजम खां और कुछ सालों बाद लोग इस जगह को घटिया आजम खां के नाम से बुलाने लगे।

यदि बात करें इतिहासकार राज किशोर शर्मा राजे की तो उन्होंने इस ऐतिहासिक जगह की वर्णन अपनी किताब ‘तवारीख ए आगरा’ में किया है। अपनी किताब में उन्होंने लिखा कि औरंगजेब की हुकूमत के समय जस्सी पूजा-पाठ करने वाली महिला थीं। सियालकोट से करनाल जाते समय गुरु तेग बहादुर आगरा आए थे। जस्सी ने उनके दर्शन पाकर कहा कि उसकी कोई संतान नहीं है। उसका नाम कैसे चलेगा। गुरु ने उसे माई कहकर संबोधित किया। 

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