संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने 9/11 आतंकी हमले में मारे गए शहीदों को दी श्रद्धांजलि

आतंकवादियों ने आज ही के दिन 11 सितंबर 2001 को यात्री विमान से अमेरिका के विश्वप्रसिद्ध वर्ल्ड ट्रेड टॉवर और पेंटागन को निशाना बनाया था यह अमेरिका के इतिहास का सबसे बड़ा आतंकी हमला था। आतंकवादियों ने विमान को मिसाइल की तरह इस्तेमाल किया था।

अमेरिका के इतिहास में यह एक ऐसा आतंकी हमला था जिसे अमेरिका कभी भूल नहीं पाएगा। 11 सितंबर का दिन विश्व के पन्नों में दर्ज हुआ था यह एक दुखद घटना थी। जिसने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था अमेरिका ही नहीं पूरी दुनिया इस घटना को कभी भुला नहीं पाएगी। 2001 को 11 सितंबर के दिन आतंकवादियों ने यात्री विमानों को मिसाइल की तरह इस्तेमाल करते हुए अमेरिका के विश्वप्रसिद्ध वर्ल्ड ट्रेड टॉवर और पेंटागन को निशाना बनाया था जो अमेरिका के इतिहास का सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जाता है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने कहा आतंकवाद को रोकने के लिए हम हर मुमकिन प्रयास करते आ रहे हैं हम एकजुट हैं और आतंकवाद के सभी रूपों को रोकने के लिए हम अपनी प्रतिबद्धता को लेकर आज भी उतने ही सचेत है जितने दो दशक पहले थे भारत ने कहा 9/11 की घटना को कोई भी व्यक्ति भुला नहीं सकता हम आतंकवाद को रोकने के लिए सभी मुमकिन कोशिश करेंगे।

15 सदस्य देशों वाली संयुक्त परिषद ने हमले को याद किया और परिषद ने दो दशक पहले हुए आतंकी हमले की निंदा की। इसके बाद प्रेस का बयान आया जिसमें कहा गया की सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने न्यूयॉर्क शहर में 11 सितंबर को हुए आतंकी हमले को स्मारक और संग्रहालय की यात्रा के जरिये वर्षगांठ को चिन्हित किया। अमेरिका ने कहा हम आतंकवाद के किसी भी रूप को रोकने में सक्षम है और आज भी हम उतने ही प्रतिबद्धता और एकजुटता के साथ कार्य कर रहे हैं जितना 20 साल पहले कर रहे थे।

सुरक्षा परिषद के 15 देशों के स्थायी प्रतिनिधियों ने 9 सितंबर को 9/11 की घटना में बने स्मारक और संग्रहालय का दौरा किया। भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने पीटीआई भाषा से कहा 9/11 में शहीद हुए सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिसमें कई भारतीय भी शामिल थे उन्होंने कहा स्मारक हमें आतंकवाद से लड़ने और इसे सही ठहराने के सभी प्रयासों का खंडन करने के सामूहिक संकल्प की याद दिलाता है।

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