अब Google Maps से होगी मरीजों की तलाशी, पुलिस प्रशासन का पहरा हुआ सख्त

कोरोना वायरस को हराने के लिए राज्य सरकार इस वक्त हर मुमकिन कोशिश कर रही है. केस को बढ़ता हुआ देख सभी को चिंता सता रही है कि ये आंकड़ें कहां तक जाएंगे. ऐसे में देहरादून में कोरोना संक्रमण की दृष्टि से बफर जोन घोषित किए गए क्षेत्रों में मरीजों को गूगल मैपिंग के सहारे ढूंढा जा रहा है.

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इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने गूगल मैप के जरिये खाका खींचा है। इससे शहर की 100 से अधिक कॉलोनियों और बस्तियों के हजारों लोग इस दायरे में आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग एक तरफ इनकी लिस्ट तैयार कर रहा है तो वहीं, इन क्षेत्रों में घर-घर जाकर स्क्रीनिंग भी शुरू कर दी गई है।

शहर में जिन क्षेत्रों में जमाती और उनके संपर्क में आए अन्य लोग ज्यादा संख्या में कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, उन कॉलोनियों और बस्तियों को पुलिस प्रशासन का पहरा है। भगत सिंह कॉलोनी, कारगी ग्रांट की मुस्लिम बस्ती, लक्खीबाग की मुस्लिम बस्ती और डोईवाला में केशवपुरी व झबरावला बस्ती शामिल हैं। इन सील कॉलोनियों को स्वास्थ्य विभाग ने हॉटस्पॉट घोषित किया हुआ है।

इन क्षेत्रों से जमात में गए या उनके संपर्क में आए लोगों को क्वारंटीन सेंटर भेजा गया है या अस्पताल में भर्ती किया गया है। इन इलाकों के तमाम लोगों की स्क्रीनिंग कर सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। साथ ही इनमें पुलिस का पहरा बैठाकर बाकी सभी को घरों में होम क्वारंटीन रहने को कहा गया है।

इसके बाद अब इन क्षेत्रों के सात किलोमीटर की परिधि में आने वाले बफर जोन में स्क्रीनिंग पर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का जोर है। सात किलोमीटर के दायरे को जल्द कैसे चिन्हित किया जाए, इसके लिए काफी मंथन के बाद गूगल मैप का सहारा लिया गया।

इसमें तमाम कॉलोनियों और बस्तियों के हजारों लोग दायरे में आ रहे हैं। कोरोना के जिला नोडल अफसर डॉ. दिनेश चौहान ने बताया कि बफर जोन में विभाग की लगभग 100 से अधिक टीमें स्क्रीनिंग में लगी हैं। जिनमें आशा कार्यकर्ता और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं।

घर-घर जाकर लोगों से खासी, जुकाम, तेज बुखार होने या उनकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री होने आदि के बारे में पूछा जा रहा है। जरूरत के हिसाब से किसी को अस्पताल भेजा रहा है तो किसी को दवा दी जा रही है और किसी को घर में होम क्वारंटीन रहने की सलाह दी जा रही है।

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