देश में आसमानी बिजली से सिर्फ तीन दिन में 300 मौतें

देशनई दिल्ली। आसमानी बिजली से सिर्फ 3 दिन में 300 लोग मारे जा चुके हैं। ऐसा पहली बार हुआ है। ये आंकड़े देश ही नहीं दुनिया के तमाम वैज्ञानिकों को हैरान कर रहे हैं। आसमानी बिजली देश के पांच राज्यों में कहर बरपा रही है और सिर्फ 3 दिनों में आसमानी बिजली से मरने वालों का आंकड़ा 300 पार हो रहा है। हर साल वैसे आसमान से गिरने वाली बिजली भारत में 2500 लोगों को मार देती है। लेकिन, वैज्ञानिक जून महीने में हुई इस विचित्र घटना को समझ नहीं पा रहे हैं। आसमानी बिजली अक्सर 200 किलोमीटर तक के इलाके में एक साथ कौंधती है और कई बार धरती पर गिरते वक्त उसकी तेजी एक अरब वोल्ट से ज्यादा होती है।

भारत की ये करंट कथा पूरी दुनिया को डरा रही है। क्योंकि सिर्फ 3 दिनों में 300 लोग दुनिया के किसी भी हिस्से में आसमानी बिजली गिरने से नहीं मरे तो फिर भारत ही क्यों भारत में वैसे हर साल आसमान की बिजली गिर कर 2500 लोगों को मार देती है। लेकिन, सिर्फ तीन दिनों में 300 का आंकड़ा वैज्ञानिकों को चौंका गया है उन्हें ये आशंका सता रही है कि ऐसा वज्रपात क्या किसी बड़ी आफत की ओर इशारा कर रहा है? वैसे भी वैज्ञानिक इस आसमानी करंट के बारे में ज्यादा जानते नही हैं, वो तूफान की भविष्यवाणियां तो कर सकते हैं लेकिन आसमानी बिजली कब बादलों के बीच बनेगी और कहां गिरेगी ये उन्हें पता नहीं है।

देश के पांच राज्यों से हर दिन बिजली गिरने और लोगों के मारे जाने की खबरें आ रही हैं। इनमें उड़ीसा, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और जम्मू-कश्मीर शामिल हैं। उड़ीसा में सिर्फ दो दिनों में सबसे ज्यादा 155 लोग मारे गए हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि आसमानी बिजली 30 हजार डिग्री सेंटीग्रेट तक गर्मी पैदा करती है जबकि सूरज की सतह का तापमान भी 5700 डिग्री रहता है यानी सूरज से करीब छह गुना ज्यादा गर्मी पल में मारने के लिए काफी है। बताया जा रहा है कि जिनके भी आसपास आसमानी बिजली गिरती है उन 10 में से 3 लोग तुरंत मर जाते हैं। जबकि बाकी बुरी तरह जल जाते हैं। एक अंदाज के मुताबिक आसमान से गिरते वक्त ये 1 अरब वोल्ट तक का झटका देती है, 1 अरब वोल्ट। जिसकी कल्पना भी मुश्किल है।

पुणे स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मैनेजमेंट के वैज्ञानिक सुनील पवार के मुताबिक बिजली गिरने की घटनाओं में काफी तेजी से इजाफा हुआ है। पिछले बीस सालों में ये एक ट्रेंड बन गया है। खास तौर पर हिमायल के नीचे के इलाकों में बिजली गिरने की घटनाएं लगातार रिकॉर्ड की जा रही हैं। लेकिन, हकीकत तो ये है कि हिमालय के नीचे के राज्य ही नहीं बल्कि देश के पूर्वी हिस्सा कोना आसमानी बिजली से जैसे बुरी तरह जला जा रहा है। पिछले कुछ दिनों में आसमानी  बिजली के असर से मरने वालों के आंकड़े यही बता रहे हैं।

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