घर में शौचालय न होने की वजह से ज़हर खाकर जान देने का किया प्रयास !…

स्वच्छ भारत योजना के तहत शौचालय बनवाने की मुहिम गांव-गांव में चली, ऐसा रिपोर्ट्स ने बताया. झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने पिछले साल यानी 2018 के नवंबर में ही ये दावा किया था कि राज्य खुले में शौच की समस्या से पूरी तरह मुक्त हो चुका है. लेकिन अब यहीं के देवघर जिले से एक मामला सामने आया है.

इस मामले में देवघर के बैराजी टोला, बैजनाथपुर से खबर आई है कि एक महिला ने जहर खाकर जान देने की कोशिश की. महिला के पति ने बताया कि उसने तंग आकर जहर खाकर जान देने की कोशिश की.

 

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महिला ने उन्हें बताया कि घर में शौचालय नहीं था. इस वजह से उन्हें शौच के लिए बाहर जाना पड़ता था. जहां जाती थीं वहां कई बार मर्द आ जाते थे अपनी जमीन की देखभाल के लिए. इस वजह से महिला को बहुत शर्म आती थी.

जानकारी के मुताबिक, आस-पास रहने वाले सभी लोगों के घर में शौचालय था, बस उन्हीं के पास नहीं था. पानी की भी बहुत दिक्कत थी. इन सभी वजहों से गुस्से में आकर उन्होंने जहर खा लिया. लेकिन बाद में जब ध्यान आया कि उनकी पांच साल की बच्ची का क्या होगा, तो वो अस्पताल चली गईं.

परिवार ने बताया कि तीन-चार बार फॉर्म भरे गए. शौचालय बनवाने के लिए. लेकिन कुछ नहीं हुआ. हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, पति जब अर्जी लगाने गए तो कहा गया कि सब लोकसभा चुनावों में व्यस्त हैं.

देवघर के म्युनिसिपल कमिश्नर अशोक कुमार सिंह ने कहा कि या तो घर का नाम सर्वे से मिसिंग होगा, या फिर परिवार ने लोकल अधिकारियों तक बात नहीं पहुंचाई होगी. खबर के अनुसार, उन्होंने ये भी कहा कि टॉयलेट जल्द ही बनवा दिया जाएगा.

अधिकारियों की मानें तो पिछले चार सालों में झारखंड सरकार ने ग्रामीण इलाकों में 33 लाख टॉयलेट बनवाए हैं.

 

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