हार्दिक को मिली आजादी, अब यूपी में निभाएंगे मोदी से दुश्मनी
दिल्ली। पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल जेल से बाहर आ ही गए। देशद्रोह के आरोप में फंसे हार्दिक को बीते दिनों कोर्ट से जमानत मिली थी। उन्हें छह महीने गुजरात से तड़ीपार होने का आदेश दिया गया था। हार्दिक नौ महीने बाद आज जेल से छूटे हैं। जेल के बाहर हार्दिक का जबरदस्त स्वागत किया गया।
कोर्ट के फैसले के बाद हार्दिक देश के किस राज्य में शरण लेने वाले हैं, इसका भी खुलासा आज हो गया है। बताया जा रहा है कि अब हार्दिक पटेल राजस्थान से अपने आंदोलन को मजबूत करेंगे। साथ ही वह यूपी विधानसभा चुनाव में भी भाजपा का गणित बिगाड़ने की कोशिश करेंगे।
#FLASH: Hardik Patel released from Lajpore Central Jail in Surat after nearly 9 months.
— ANI (@ANI) July 15, 2016
राजस्थान को हार्दिक का नया ठिकाना बताए जाने के पीछे यह तर्क दिए जा रहे हैं कि यह गुजरात के नजदीक है। यहां रहकर वह अपना आरक्षण आंदोलन आसानी से चला सकते हैं। इसके लिए उन्हें ज्यादा दूर भी नहीं जाना होगा। वहीं इसके अलावा ये भी बताया जा रहा है कि हार्दिक अपना कुछ समय दिल्ली में भी गुजार सकते हैं।
हार्दिक पटेल जेल से बाहर
Former leader of Patidar protests, Hardik Patel released from Lajpore Central Jail, Surat after 9 months pic.twitter.com/GwDafldGlm
— ANI (@ANI) July 15, 2016
वहीं इसको लेकर गुजरात के पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के नेताओं ने दावा किया है कि हार्दिक को राजस्थान और हरियाणा से न्योता मिला है। पाटीदार नेताओं का कहना है कि हार्दिक को राजस्थान के गुर्जर और हरियाणा के जाट समुदाय ने निमंत्रण भेजा है। उन्होंने यह भी बताया कि हार्दिक के रहने की व्यवस्था के साथ आरक्षण के लिए आंदोलन चलाने की सुविधाएं भी देने का ऑफर उन्हें मिला है।
अब यूपी की तैयारी
वहीं, यूपी में हार्दिक पीस पार्टी का साथ दे सकते हैं। इस बारे में बीते दिनों लखनऊ में पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अयूब ने कहा था कि देश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश से बीजेपी का सफाया करने के लिए हार्दिक किसी भी दल के साथ प्रचार शुरू कर सकते हैं। अयूब के मुताबिक उन्होंने जो आंदोलन गुजरात में शुरू किया था उसी ने हार्दिक पटेल को लोकप्रियता दिलाई है। डॉ. अयूब ने बताया था कि हार्दिक पटेल हमारे लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।
पीस पार्टी को दो दिन पहले महाराष्ट्र चुनाव आयोग ने झटका दिया है। अयूब ने पार्टी की आय से जुड़े प्रमाण आयोग को नहीं दिए थे, जिसके बाद उनकी पार्टी का रजिस्ट्रेशन रद कर दिया गया है।