यूपी के भदोही में ट्रेन से टकराई वैन, सात छात्रों की मौत, ड्राइवर ने लगा रखा था इयरफोन  

स्‍कूल वैनभदोही। उत्तर प्रदेश में भदोही जिले के औराई क्षेत्र में एक पैसेंजर ट्रेन से मिनी स्‍कूल वैन टकरा गयी। इस हादसे में सात स्‍कूली बच्‍चों की मौत हो गयी। यह घटना सुबह आठ बजे की है। हादसे के समय वैन मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पार कर रही थी तभी रेलवे ट्रैक पर ट्रेन से उसकी टक्‍कर हो गयी। इस टक्‍कर से वैन के परखच्‍चे उड़ गये और वैन पटरी से सटकर लुढक गयी।

स्‍कूल वैन में लोगों ने लगाई आग

राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के अनुसार टेंडरहर्ट पब्लिक स्कूल के बच्चे मिनी स्‍कूल वैन पर सवार होकर जा रहे थे। मेघीपुर मानवरहित रेलवे क्रासिंग पर स्कूल वैन मडुआडीह-इलाहाबाद पैसेंजर ट्रेन की चपेट में आ गयी, जिससे सात बच्चों की मृत्यु हो गई। वैन में कुल 19 बच्‍चे सवार थे। घायल बच्चों और ड्राइवर को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। घटनास्‍थल बेहद मार्मिक है। यहां चारों ओर बच्‍चों की किताबें बिखरी हुई हैं। हादसे की वजह ड्राइवर की लापरवाही बताई जा रही है। ड्राइवर ने इयरफोन लगा रखा था जिस वजह से उसे ट्रेन का हॉर्न नहीं सुनाई दिया।

हादसे के बाद बच्‍चों के परिजनों ने जमकर बवाल काटा। गुस्‍साए लोगों ने वैन में आग लगा दी। स्थिति तनावपूर्ण देखते हुए इस लाइन पर चलने वाली ट्रेनों को अलग-अलग स्टेशनों पर रोक दिया गया है। पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं।

सीएम अखिलेश यादव ने जताया दुख

सीएम अखिलेश यादव ने घटना पर गहरा दुख व्‍यक्‍त किया है। उन्‍होंने प्रभावित परिवारों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही घायल बच्‍चों के समुचित इलाज के लिए जिला प्रशासन को निर्देशित किया है। घायल बच्‍चों का इलाज बीएचयू में किया जा रहा है।

प्रभु ने बताया सच

वहीं हादसे पर रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने ट्वीट कर दुख जताया। उन्‍होंने लिखा कि दुखद घटना है, घटना के समय क्रॉसिंग पर गेट मित्र था, वैन चालक ने चेतावनी को अनसुना किया जिस वजह से यह घटना हुई।

लखनऊ डीएम ने जारी किये दिशा-निर्देश

भदोही की घटना के बाद लखनऊ के डीएम राजशेखर ने स्‍कूलों को दिशा निर्देश जारी किये हैं, जिससे कि ऐसी घटना से बचा जा सके।

डीएम के निर्देशों के अनुसार स्‍कूल प्रशासन केवल वैलिड रजिस्‍टर्ड बसों का ही इस्‍तेमाल करे। ड्राइवर के पास वैलिड ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य है। इसके साथ ही ड्राइवर की नियमित स्‍वास्‍थ्‍य जांच कराई जाए ताकि यह तय किया जा सके कि वह ड्राइविंक करने के लिए पूरी तरह से स्‍वस्‍थ है।

इसके अलाव हर दो से तीन महीने में एक बार स्‍कूल बसों का फिटनेस चेक होना चाहिए। साथ ही बस के बैक साइड में स्‍कूल बस या वैन अच्‍छी तरह से लिखा होना अनिवार्य है।

LIVE TV